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Up Kiran, Digital Desk: बर्मिंघम के एजबेस्टन स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं। 2 जुलाई से शुरू होने वाले इस मुकाबले से पहले, क्रिकेट प्रशंसकों के साथ-साथ पूर्व खिलाड़ियों की भी निगाहें इस पर टिकी हैं। भारत पहला टेस्ट हार चुका है और अब सीरीज़ में 0-1 से पीछे है। इस पृष्ठभूमि में पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टीम चयन को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिया है।
एजबेस्टन में जीत की तलाश
भारत का एजबेस्टन में टेस्ट रिकॉर्ड निराशाजनक रहा है। अब तक खेले गए मुकाबलों में भारतीय टीम एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाई है। इस बार टीम के पास इतिहास बदलने का मौका है, लेकिन इसके लिए उन्हें रणनीति में कुछ ठोस बदलाव करने होंगे। अजहरुद्दीन का मानना है कि इस टेस्ट में स्पिन गेंदबाज़ कुलदीप यादव को मौका दिया जाना चाहिए, खासकर पिच की स्थिति को देखते हुए।
बुमराह पर जरूरत से ज़्यादा भरोसा?
भारत की गेंदबाज़ी लाइनअप जसप्रीत बुमराह पर कुछ ज़्यादा ही निर्भर होती जा रही है। पहले टेस्ट में बुमराह ही एकमात्र ऐसे गेंदबाज़ थे जिन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों को परेशान किया। कोच गौतम गंभीर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि बुमराह सिर्फ तीन टेस्ट मैच ही खेलेंगे। ऐसे में अगर बुमराह दूसरे टेस्ट से बाहर रहते हैं, तो कुलदीप एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। लेकिन अगर बुमराह खेलते हैं, तो टीम संयोजन को लेकर दुविधा बनी रह सकती है – किसे बाहर किया जाएगा?
अजहरुद्दीन का सुझाव
अजहर ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, “पहले टेस्ट में हार की सबसे बड़ी वजह हमारी कमजोर बल्लेबाज़ी रही। टीम को बेहतर संतुलन की ज़रूरत है और गेंदबाज़ी विभाग को मजबूत बनाना होगा। बुमराह पर सारा दारोमदार डालना सही नहीं है। हमें ऐसे गेंदबाज़ चाहिए जो दबाव बना सकें और विकेट निकाल सकें। कुलदीप यादव को मौका दिया जाना चाहिए, खासकर एजबेस्टन की स्पिन फ्रेंडली पिच को देखते हुए।”
पहली टेस्ट की हार: रिकॉर्ड तोड़ा लेकिन मैच नहीं जीत पाए
पहले टेस्ट में भारत की शुरुआत शानदार रही थी। यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत ने पहली पारी में शतक जड़े, वहीं दूसरी पारी में पंत और केएल राहुल ने भी सेंचुरी ठोकी। इसके बावजूद टीम को हार का सामना करना पड़ा। यह इतिहास में पहला मौका था जब कोई टीम 5 शतक लगाने के बावजूद मैच हार गई।
फील्डिंग और निचले क्रम की नाकामी
मैच की हार में भारत की कमजोर फील्डिंग और निचले क्रम की बल्लेबाज़ी ने बड़ी भूमिका निभाई। पहली पारी में अंतिम 7 विकेट मात्र 41 रन पर और दूसरी पारी में 6 विकेट 31 रन के भीतर गिर गए। फील्डिंग भी बेहद निराशाजनक रही – यशस्वी जायसवाल अकेले ही चार आसान कैच टपका बैठे। बुमराह ने पहली पारी में 5 विकेट लिए, लेकिन दूसरी पारी में वो भी बेअसर रहे। अंततः इंग्लैंड ने यह मुकाबला 5 विकेट से अपने नाम कर लिया।
दूसरे टेस्ट से उम्मीदें
अब जब भारत सीरीज़ में पिछड़ चुका है और बर्मिंघम जैसे मैदान पर इतिहास भी पक्ष में नहीं है, तो टीम प्रबंधन के लिए यह समय है आत्ममंथन का। क्या बुमराह को विश्राम देकर कुलदीप को मौका देना सही रहेगा? क्या बल्लेबाज़ी क्रम में बदलाव की जरूरत है? इन सभी सवालों के जवाब 2 जुलाई से शुरू होने वाले मुकाबले में मिलेंगे। तब तक फैंस उम्मीद लगाए बैठे हैं कि टीम इंडिया एजबेस्टन में अपने प्रदर्शन से नया इतिहास रच सके।
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