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Up Kiran, Digital Desk: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) अब सिर्फ क्रिकेट का टूर्नामेंट नहीं रहा ये एक बिजनेस महायुद्ध एक बाजार आधारित तमाशा और कई मालिकों के लिए सोने की खान बन चुका है। जब मैदान पर कोई टीम जीत का जश्न मनाती है तो दर्शकों की तालियों और खिलाड़ियों की मुस्कान के पीछे एक और दृश्य गहराई में चलता है आर्थिक विजय का वो शंखनाद जिसे सिर्फ मालिक समझ पाते हैं।
हर साल जैसे ही कोई टीम चैंपियन बनती है ट्रॉफी के साथ एक ऐसा दरवाज़ा खुलता है जो उन्हें सिर्फ सम्मान नहीं बल्कि अरबों की संभावनाओं की दुनिया में ले जाता है।
प्राइज मनी में जीत की चमक और पैसे की बौछार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक IPL 2025 की प्राइज मनी में इस बार कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। यानी पैसों का खेल लगभग पिछले साल जैसा ही रहेगा। 2024 में चैंपियन टीम को ₹20 करोड़ की इनामी राशि मिली थी। फाइनल हारने वाली टीम को ₹12.4 करोड़ मिले थे। तीसरे स्थान वाली टीम को ₹7 करोड़ और चौथे स्थान पर रहने वालों को ₹6.5 करोड़। मगर असली सवाल येी है क्या टीम के मालिक को केवल येी पैसा मिलता है? जवाब है नहीं। दरअसल ट्रॉफी जितना मायने रखती है उतना ही मायने रखता है वो साम्राज्य जो उसके साथ आता है।
मालिकों की कमाई कहां से होती है, सिर्फ प्राइज मनी से नहीं
IPL एक ऐसा मंच है जहां हर बाउंड्री हर विकेट और हर ब्रेक के पीछे सौदे प्रायोजन और व्यापार की एक जटिल संरचना छिपी होती है। टीम मालिकों की कमाई कई स्रोतों से होती है।
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