img

Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को एक अहम बयान में कहा कि यदि राज्य में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के दौरान कोई भी योग्य मतदाता सूची से बाहर होता है तो वह इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगी। ममता ने नादिया जिले के कृष्णानगर में आयोजित जनसभा में यह स्पष्ट किया कि उनके लिए यह मुद्दा केवल चुनावी प्रक्रिया से जुड़ा नहीं, बल्कि राज्य की राजनीतिक स्थिरता और नागरिक अधिकारों से भी जुड़ा हुआ है।

राजनीतिक मंशा पर सवाल उठाती ममता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रक्रिया को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक राजनीतिक रणनीति के रूप में देखने की बात कही। उनका आरोप है कि यह संशोधन कार्यक्रम एक ‘राजनीतिक हथियार’ के रूप में प्रयोग हो रहा है, जिसका उद्देश्य भाजपा को चुनाव में लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा, “अगर एक भी योग्य मतदाता का नाम सूची से हटा, तो मैं धरने पर बैठूंगी। इस प्रक्रिया के पीछे केवल चुनावी लाभ का खेल है। यह पश्चिम बंगाल के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है।"

भाजपा पर तीखे आरोप

ममता ने इस मौके पर भाजपा पर भी सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा के दंगाइयों को समर्थन देने की कोशिशों के बीच उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने की जरूरत क्यों पड़ेगी? इस संदर्भ में ममता ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें अपने खुद के पहचान पत्रों के बारे में शंका है, जबकि वह एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं।

सुझाव: राजनीतिक एजेंडा और चुनावी लाभ

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने अक्टूबर महीने में देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण की शुरुआत की। इस प्रक्रिया में पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की राज्य सरकार लगातार इस प्रक्रिया का विरोध कर रही है। ममता का आरोप है कि चुनाव आयोग इस प्रक्रिया के माध्यम से भाजपा के पक्ष में माहौल तैयार कर रहा है, जिससे राजनीतिक असंतुलन पैदा हो सकता है।

अमित शाह को ‘खतरनाक’ बताया

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी निशाने पर लिया। उन्होंने शाह को 'खतरनाक' करार दिया और कहा कि वह बंगालियों को विदेशी करार देकर उन्हें नजरबंदी शिविरों में भेजने की साजिश कर सकते हैं। ममता ने कहा, “हमारे पास एक गृह मंत्री हैं, जो किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं और नजरबंदी शिविर भेज सकते हैं। लेकिन हम बंगाल की धरती से किसी को बाहर नहीं जाने देंगे।”