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धर्म डेस्क। भारत में बरगद के पेड़ को वट वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। बरगद के पेड़ से सनातनी आस्थाएं जुडी हुई हैं। इसके पेड़ के नीचे जाने से सुखद अनुभूति होती है। इस पेड़ की जड़ों से लेकर पट्टियां तक शुभ और फायदेमंद मानी जाती हैं। बरगद के पेड़ के विशेष उपाय करने से हर तरह की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

शास्त्रों में बरगद के पेड़ को पूजनीय माना गया है। इसमें त्रिदेव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास है। बरगद का पेड़ लंबे समय तक अक्षय रहता है, इसलिए इसे अक्षयवट भी कहते हैं। मंदिरों में बरगद का पेड़ इसलिए भी लगाया जाता है कि इसमें देवी-देवताओं का वास होता है। वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शाम को बरगद के पेड़ के नीचे देसी घी का दीपक जलाकर विष्णु भगवान का ध्यान करने से विष्णु भगवान प्रसन्न होते हैं और जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इसी तरह बरगद के पेड़ में चारों ओर सूती धागा लपेटकर पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। बरगद के पेड़ के पास सफाई रखनी चाहिए।

ज्योतिषियों के अनुसार शनिवार के दिन बरगद के तने पर हल्दी और केसर चढ़ाने से व्यापार में मुनाफा होता है। इसी तरह शुक्रवार के दिन बरगद के पेड़ का एक साबुत पत्ता लेकर उस पर गीली हल्दी से स्वास्तिक बनाएं। फिर इस पत्ते को मंदिर या तिजोरी में रख दें। इससे सभी प्रकार की आर्थिक समस्याएं दूर होने लगती हैं। घर में समृद्धि के साथ ही सद्भाव भी आता है। 
 

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