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Up kiran,Digital Desk : अगर आप इस वीकेंड कुछ ऐसा देखना चाहते हैं जो बहुत भारी-भरकम न हो, लेकिन आपके चेहरे पर एक मुस्कान छोड़ जाए, तो नेटफ्लिक्स पर आई "सिंगल पापा" आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकती है। यह कहानी एक ऐसे आदमी की है जो अचानक खुद को एक ऐसी जिम्मेदारी के सामने पाता है जिसके लिए वह बिल्कुल तैयार नहीं था। चलिए जानते हैं कि यह सीरीज कैसी है।

क्या है कहानी में?

कहानी गौरव (कुणाल खेमू) की है, जो अपनी ज़िंदगी में किसी भी तरह की जिम्मेदारी से भागता है। उसकी मस्तमौला ज़िंदगी में भूचाल तब आता है, जब एक दिन उसे अपनी कार की पिछली सीट पर एक छोटा सा बच्चा मिलता है। अजीब बात यह है कि गौरव को वह बच्चा पसंद आ जाता है और वह उसे गोद लेने का फैसला कर लेता है।

लेकिन यह फैसला इतना आसान नहीं होता। उसका परिवार हैरान है, और हर कोई उसे अपनी सलाह दे रहा है। इसी बीच, उसे एडॉप्शन एजेंसी के सख्त नियमों का भी पालन करना है, जहाँ उसकी मुलाकात मिसेज नेहरा (नेहा धूपिया) से होती है। मिसेज नेहरा को लगता है कि एक अकेला आदमी बच्चे को ठीक से नहीं पाल सकता।

इसके बाद शुरू होता है गौरव का पापा बनने का सफर। वह गलतियाँ करता है, सीखता है, थकता है, पर हार नहीं मानता। कहानी बस यही दिखाती है कि कैसे वक्त और जिम्मेदारी इंसान को बदल देती है। इसमें कोई बहुत बड़े ट्विस्ट नहीं हैं, बस बाप-बच्चे का प्यारा सा रिश्ता और परिवार का बदलता माहौल है, जो आपको बहुत असली लगेगा।

किसने कैसा काम किया है?

कुणाल खेमू इस रोल में एकदम फिट बैठते हैं। एक गैर-जिम्मेदार लड़के से एक केयरिंग पापा बनने तक का उनका सफर पर्दे पर साफ झलकता है। कुछ इमोशनल सीन में वे थोड़े कमजोर लगे, लेकिन कुल मिलाकर उन्होंने बढ़िया काम किया है। नेहा धूपिया एक सख्त अफसर के किरदार में जमी हैं और कहानी में जरूरी गंभीरता लाती हैं।

गौरव के माता-पिता के रूप में मनोज पाहवा और आयशा रजा मिश्रा ने हमेशा की तरह नैचुरल एक्टिंग की है, जिससे परिवार वाले सीन बहुत अपने से लगते हैं। बाकी कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदारों के साथ न्याय किया है, खासकर नैनी के रोल में दयानंद शेट्टी (CID वाले दया) आपको हंसाएंगे।

क्या कुछ बेहतर हो सकता था?

इस सीरीज की एक ही कमी है कि यह बहुत गहराई में नहीं जाती। कहानी काफी सीधी और सरल है, आप पहले ही अंदाजा लगा लेंगे कि आगे क्या होने वाला है। पेरेंटिंग की चुनौतियां या गौरव के मन की उलझनें बहुत आसानी से सुलझ जाती हैं। अगर कहानी को थोड़ा और घुमावदार बनाया जाता, तो यह और भी असरदार हो सकती थी

अगर आपको भारी-भरकम ड्रामा और एक्शन से दूर, एक प्यारी और पारिवारिक कहानी देखनी है, तो "सिंगल पापा" आपको जरूर पसंद आएगी। यह एक ऐसी सीरीज है जिसे आप अपने परिवार के साथ आराम से बैठकर देख सकते हैं। यह दिखाती है कि अच्छा माता-पिता बनने के लिए सिर्फ एक साफ दिल और कोशिश करने का इरादा चाहिए।

अपने हल्के-फुल्के अंदाज और अच्छे कलाकारों की वजह से यह सीरीज एक बार देखने लायक तो जरूर है।