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Up kiran,Digital Desk : कभी-कभी ऐसा लगता है कि हम चाहे कितनी भी मेहनत कर लें, कितना भी सोच-समझकर चलें, लेकिन पैसा है कि टिकने का नाम ही नहीं लेता। एक खर्चा खत्म होता नहीं कि दूसरा सिर पर आ खड़ा होता है। महंगाई और बढ़ते खर्चों के बीच बचत करना एक सपने जैसा लगता है और कई बार लोग कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं।

जब हर कोशिश के बाद भी रास्ते बंद नज़र आएं, तो कभी-कभी कुछ पुराने और आजमाए हुए पारंपरिक नुस्खे मन को शांति और एक नई उम्मीद दे सकते हैं। ऐसा ही एक उपाय हमारी रसोई में रखे एक छोटे से मसाले 'जायफल' से जुड़ा है।

जायफल में ऐसा क्या खास है?

पुराने समय से ही जायफल को बहुत शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इसकी खुशबू और ऊर्जा घर में मौजूद नकारात्मकता को खत्म करती है और एक पॉजिटिव माहौल बनाती है। जब घर का माहौल अच्छा होता है, तो हमारे सोचने-समझने की शक्ति बेहतर होती है, हम सही फैसले ले पाते हैं और धन आने के रास्ते भी खुलते हैं।अगर आप भी आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं, तो जायफल के ये दो सरल उपाय आजमाकर देख सकते हैं।

पहला उपाय: कपूर और जायफल का धुआँ

  • क्या करें: गुरुवार या शुक्रवार के दिन, एक साफ कटोरी में एक साबुत जायफल और थोड़ा सा कपूर रखें। अब इसे जला दें।
  • कैसे करें: जब इससे धुआँ उठने लगे, तो इसे अपने घर के हर कोने में, खासकर मुख्य द्वार और तिजोरी वाली जगह पर घुमाएं। इसके बाद एक-दो जायफल अपनी तिजोरी या उस जगह पर रख दें जहाँ आप पैसे रखते हैं।
  • क्या होगा: माना जाता है कि ऐसा करने से घर में मौजूद भारीपन और नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है, जिससे मानसिक शांति मिलती है और पैसों को लेकर हो रहा तनाव धीरे-धीरे कम होने लगता है।

दूसरा उपाय: लाल कपड़े की छोटी सी पोटली

  • क्या करें: एक छोटा सा साफ लाल कपड़ा लें। इसमें कुछ जायफल रखकर एक छोटी सी पोटली की तरह बांध लें।
  • कहाँ रखें: इस पोटली को आप अपनी तिजोरी में, दुकान के गल्ले में, अलमारी में या उस जगह रख सकते हैं जहाँ आप पैसे रखते हैं। आप चाहें तो इसे अपने पर्स में भी रख सकते हैं। बस, समय-समय पर इसे साफ करते रहें।
  • क्या होगा: यह छोटा सा उपाय धन को अपनी ओर खींचने और बेवजह के खर्चों पर लगाम लगाने में मदद करता है।

इन बातों का रखें ध्यान:

  • ये उपाय गुरुवार या शुक्रवार को करना सबसे अच्छा माना जाता है।
  • सबसे ज़रूरी बात - जब भी यह उपाय करें, तो मन में पूरी श्रद्धा और सकारात्मकता रखें। चिंता या शक के साथ किया गया कोई भी काम फल नहीं देता।
  • यह सिर्फ एक विश्वास और परंपरा का हिस्सा है, अपनी मेहनत और कोशिशों को कभी कम न करें।