
Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान ने जेल में अपने साथ हो रहे सलूक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि वह पाकिस्तान के इतिहास की सबसे कठोर जेल सजा का सामना कर रहे हैं। उनके अनुसार, उन्हें बुनियादी मानवाधिकारों और जेल नियमों के तहत मिलने वाली सामान्य सुविधाओं से भी वंचित किया जा रहा है, जिसमें किताबें और मीडिया तक पहुंच भी शामिल है।
इमरान खान को 9 मई की हिंसा और कई भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तारी के बाद से अदियाला जेल में रखा गया है। अदालत में पेशी के दौरान या अपने वकीलों के माध्यम से, खान लगातार यह दावा कर रहे हैं कि उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया है।
क्या हैं इमरान खान के मुख्य आरोप?
किताबों से वंचित: खान का कहना है कि उन्हें पढ़ने के लिए किताबें भी नहीं दी जा रही हैं। उन्होंने धार्मिक किताबों, खासकर कुरान और अन्य शैक्षणिक पुस्तकों तक पहुंच की मांग की है, लेकिन उन्हें कथित तौर पर यह सुविधा नहीं मिल रही है।
मीडिया तक पहुंच नहीं: उन्हें अखबार पढ़ने या टेलीविजन देखने की अनुमति नहीं है, जिससे वह बाहरी दुनिया और देश के घटनाक्रमों से पूरी तरह कटे हुए महसूस कर रहे हैं। यह उनके अनुसार, एक कैदी के बुनियादी अधिकारों का हनन है।
अकेलेपन और अलगाव: खान ने शिकायत की है कि उन्हें पूरी तरह से अलग-थलग रखा गया है और उन्हें किसी भी अन्य कैदी या बाहरी व्यक्ति से मिलने नहीं दिया जाता, सिवाय उनके वकीलों और कुछ परिवार के सदस्यों के, वो भी सीमित समय के लिए।
सामान्य कैदी से भी बदतर सलूक: उनके वकीलों ने दावा किया है कि खान को जेल में एक 'साधारण कैदी' से भी बदतर व्यवहार मिल रहा है, जबकि उनके पद और स्थिति के अनुसार उन्हें कुछ विशिष्ट सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं।
हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर अपनी खराब स्थिति और न्यायपालिका से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने निष्पक्ष सुनवाई, मीडिया और किताबों तक पहुंच, और अपने अधिकारों की बहाली की मांग की है।
जेल अधिकारियों और सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि खान को जेल नियमों के अनुसार सभी सुविधाएं मिल रही हैं और उन्हें कोई विशेष या अनुचित व्यवहार नहीं दिया जा रहा है। उनका कहना है कि सभी कैदियों के साथ समान व्यवहार किया जाता है।
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