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देहरादून पुलिस ने "ऑपरेशन कालनेमि" के तहत एक बड़ा खुलासा करते हुए फर्जी मौलाना समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी लंबे समय से मदरसे और धार्मिक संस्थानों के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे थे।

पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग खुद को मौलाना बताकर गरीब बच्चों की शिक्षा और मदरसे के विकास के नाम पर चंदा मांग रहे हैं। जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि ये सब एक सुनियोजित ठगी रैकेट चला रहे थे।

मुख्य आरोपी खुद को मौलाना बताकर भोले-भाले लोगों को झांसे में लेता था। वह नकली दस्तावेज और झूठे पहचान पत्रों का इस्तेमाल करता था ताकि लोगों को लगे कि वह किसी धार्मिक संस्था से जुड़ा हुआ है। बाकी आरोपी उसके सहयोगी थे जो अलग-अलग इलाकों में जाकर लोगों से पैसा इकट्ठा करते थे।

पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने अब तक लाखों रुपये की ठगी की है। ये लोग धर्म और गरीब बच्चों की मदद का नाम लेकर लोगों की भावनाओं का फायदा उठाते थे।

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने इनके पास से फर्जी रसीद बुक्स, नकली पहचान पत्र, मोबाइल फोन, और कैश बरामद किया है।

देहरादून पुलिस ने बताया कि इनके खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग करने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि अगर किसी ने इन लोगों को चंदा दिया हो या इनके झांसे में आया हो तो थाने में शिकायत जरूर करें।

इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने साफ कर दिया है कि धार्मिक आस्था के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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