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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में तगड़ा झटका खाने के बाद कांग्रेस पार्टी अब अंदरूनी सर्जरी शुरू कर चुकी है। 61 सीटों पर लड़ाई लड़ने के बावजूद सिर्फ 6 पर सिमट गई पार्टी ने हार की गहराई नापते हुए अपने ही 15 जिलाध्यक्षों को सीधा नोटिस थमा दिया है। वजह? एक दिसंबर को सदाकत आश्रम में हुई चुनाव बाद की बड़ी समीक्षा बैठक में ये सारे नेता नदारद रहे।

जिन नेताओं को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है उनमें बड़े नाम शामिल हैं। पश्चिम चंपारण से प्रमोद सिंह पटेल, पूर्वी चंपारण से ई. शशिभूषण राय, अररिया से शाद अहमद, मधुबनी से सुबोध मंडल, कटिहार से सुनील यादव, पटना ग्रामीण-2 से गुरुजीत सिंह, पटना ग्रामीण-1 से उदय चंद्रवंशी, सुपौल से राज नारायण गुप्ता, भागलपुर से परवेज आलम, जमुई से अनिल कुमार सिंह, बक्सर से मनोज पांडेय, गया से उदय मांझी, लखीसराय से अरविंद कुमार, मुंगेर से इनामुल हक और शेखपुरा से रौशन कुमार। ये सभी उस दिन बैठक में नहीं पहुंचे।

पार्टी कार्यालय सचिव नलिन कुमार ने साफ कह दिया है कि अगर इन नेताओं ने ठोस वजह नहीं बताई तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी। मतलब निलंबन से लेकर पद छिनने तक कुछ भी हो सकता है।

सोमवार को हुई इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने की थी। उनके साथ प्रदेश प्रभारी अल्लावरू, वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान समेत कई बड़े चेहरे मौजूद थे। बैठक में नेताओं से एक-एक करके फीडबैक लिया गया कि आखिर इतनी बुरी हार क्यों हुई और आगे क्या करना है।

कांग्रेस सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी अब संगठन को पूरी तरह दुरुस्त करने के मूड में है। हार के लिए सिर्फ ऊपरी नेतृत्व को नहीं बल्कि जमीनी स्तर के नेताओं को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। यही वजह है कि जिलाध्यक्षों पर इतनी जल्दी शिकंजा कसा गया।