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पाक बीते काफी महीनों से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। महंगाई निरंतर बढ़ती जा रही है। कर्ज के सारे दरवाजे बंद कर दिए गए हैं और अब महंगाई फिर से बढ़ रही है। चिकन 800 रुपए किलो और दूध के दाम भी बढ़ गए हैं। दिवालिया होने के डर से देश के अमीर देश छोड़ने लगे हैं।

आर्थिक स्थिति के चलते पाकिस्तान अब तक दुनिया से अरबों रुपये का कर्ज चुका चुका है। देश का कुल कर्ज और देनदारी 60 खरब पाकिस्तानी रुपये से अधिक है। यह देश की जीडीपी का 89 फीसदी है। इस ऋण का लगभग 35 प्रतिशत अकेले चीन का है, जिसमें चीन के राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों का ऋण भी शामिल है।

इस देश को होगा सबसे ज्यादा नुकसान

पाकिस्तान पर चीन का 30 अरब डॉलर का बकाया है, जो फरवरी 2022 के 25.1 अरब डॉलर से अधिक है। पाकिस्तान को चीन की सहायता आईएमएफ ऋण से तीन गुना और विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के धन से अधिक है। अब यदि पाकिस्तान दिवालिया हुआ तो चीन को सबसे ज्यादा मार पड़ेगी।

घी, दूध की किल्लत और महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान के लोगों के लिए हर सुबह एक बुरी खबर आती है। पाकिस्तान में महंगाई और खाने की कमी का मुख्य कारण नकदी की कमी है। पाकिस्तान के सरकारी बैंक आयातकों को लेटर ऑफ क्रेडिट देने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि वे पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति से वाकिफ हैं और यदि यही स्थिति बनी रही तो स्थिति खतरनाक होगी।

 

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