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Up Kiran , Digital Desk:भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव ने एक बार फिर दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं और क्रेडिट प्रोफाइल पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा है कि दोनों देशों के बीच बढ़ती दुश्मनी उनके क्रेडिट मेट्रिक्स के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। एजेंसी का मानना है कि यदि यह संघर्ष और बढ़ता है, तो सॉवरेन क्रेडिट सपोर्ट पर दबाव कम हो सकता है।

पीटीआई की खबर के अनुसार, एसएंडपी, जिसने भारत को 'बीबीबी-' (सकारात्मक दृष्टिकोण) और पाकिस्तान को 'सीसीसी+' (स्थिर दृष्टिकोण) की रेटिंग दी है, ने फिलहाल सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग पर किसी तत्काल प्रभाव की आशंका नहीं जताई है। हालांकि, एजेंसी का अनुमान है कि अगले दो से तीन सप्ताह तक तनाव उच्च स्तर पर बना रह सकता है, और इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाइयां संभव हैं।

एसएंडपी को अस्थायी सैन्य कार्रवाई की उम्मीद

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता के फैलने से क्षेत्रीय क्रेडिट जोखिम बढ़ गए हैं। एजेंसी का मुख्य अनुमान यह है कि तीव्र सैन्य कार्रवाई अस्थायी होगी, और इसके बाद लंबे समय तक सीमित और छिटपुट टकरावों का दौर देखने को मिल सकता है। यह बयान पहलगाम नरसंहार के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा सहित नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किए जाने के बाद आया है।

भारत का विकास पूर्वानुमान घटाया गया

एसएंडपी ने उम्मीद जताई है कि भारत मजबूत आर्थिक विकास दर बनाए रखेगा, जिससे धीरे-धीरे राजकोषीय सुधार जारी रहेगा। वहीं, पाकिस्तान सरकार अपनी अर्थव्यवस्था की रिकवरी और राजकोषीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करेगी। एजेंसी का मानना है कि दोनों देशों के पास मौजूदा तनाव को लंबे समय तक जारी रखने की कोई ठोस वजह नहीं है।

हालांकि, पिछले सप्ताह ही एसएंडपी ने अमेरिकी व्यापार नीति पर अनिश्चितता का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया था।

दोनों देशों के सामने खड़ी हो सकती हैं ये मुश्किलें

एसएंडपी का कहना है कि यदि सैन्य संघर्ष लंबा खिंचता है, तो यह पाकिस्तान के बाहरी और राजकोषीय मेट्रिक्स में हो रहे सुधार को पटरी से उतार सकता है, जो उसकी मैक्रो स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं।

भारत के संदर्भ में, एक लंबे समय तक चलने वाला सैन्य संघर्ष वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में कठिनाई पैदा कर सकता है। ऐसे निवेशक जो अपनी अंतरराष्ट्रीय उत्पादन गतिविधियों को भारत में स्थापित करने के इच्छुक हैं, वे इस तनावपूर्ण माहौल के कारण हिचकिचा सकते हैं।

आगे भी महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई की संभावना

एसएंडपी ने मौजूदा स्थिति का आकलन करते हुए कहा कि दोनों पक्षों की ओर से आगे भी महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाइयां संभव हैं। हालांकि, इसके बाद स्थिति में सुधार होने की संभावना है, जिससे सॉवरेन क्रेडिट मेट्रिक्स पर लगातार नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में, एक अन्य प्रमुख रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। मूडीज ने भी आगाह किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जैसे भू-राजनीतिक जोखिमों से उसके आधारभूत विकास पूर्वानुमानों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह स्पष्ट है कि दोनों देशों के बीच का तनाव न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिरता और विकास की संभावनाओं पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।

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