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Up Kiran, Digital Desk: भारत और कतर, दो पुराने दोस्त, अब अपनी साझेदारी को एक नई मंजिल पर ले जाने की तैयारी में हैं। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने यह उम्मीद जताई है कि 2030 तक दोनों देशों के बीच का व्यापार दोगुना होकर 28 अरब डॉलर (लगभग 2.3 लाख करोड़ रुपये) के पार पहुंच सकता है। अभी यह करीब 14 अरब डॉलर है।

यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक बड़े बदलाव का संकेत है।

अब सिर्फ तेल नहीं, इन चीजों पर भी होगा जोर: अब तक हम कतर को मुख्य रूप से एक ऐसे देश के रूप में जानते हैं जो भारत की ऊर्जा जरूरतों, खासकर LNG (गैस), को पूरा करता है। लेकिन अब यह कहानी बदल रही है।

दोनों देशों ने मिलकर यह तय किया है कि वे इलेक्ट्रॉनिक्स, गाड़ियां, दवाइयां, प्रोसेस्ड फूड, कपड़े, गहने, आईटी और सोलर एनर्जी जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे। इसका सीधा सा मतलब है कि भारत अब कतर को सिर्फ ऊर्जा का सप्लायर नहीं, बल्कि एक ऐसा पार्टनर बनाना चाहता है जिसके साथ मिलकर वह भविष्य की टेक्नोलॉजी पर काम कर सके। पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत भी कतर को अपना सामान ज्यादा से ज्यादा बेचना चाहता है ताकि व्यापार संतुलित हो सके।

क्या है आगे का प्लान: इस बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए दोनों देशों के मंत्री मिले और कई अहम फैसले लिए।

व्यापार की राह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाएगा।

दोनों देशों की प्राइवेट कंपनियों को एक-दूसरे के यहां निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

भारत ने कतर को यह भरोसा दिलाया है कि वैश्विक मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और यहां निवेश करने का यह सबसे अच्छा समय है।

कतर में UPI का जादू: इस दौरे की एक और खास बात रही कतर में भारत के UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) का लॉन्च होना। पीयूष गोयल ने खुद लुलु मॉल में इसे लॉन्च किया। यह भारत और कतर के बीच डिजिटल सहयोग में एक मील का पत्थर है। अब कतर में रहने वाले लाखों भारतीय और वहां के स्थानीय लोग भी आसानी से डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे, ठीक वैसे ही जैसे हम और आप भारत में करते हैं।