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Up Kiran, Digital Desk: अस्ताना में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भारत ने एक बार फिर दुनिया को अपना दम दिखाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर दुनिया को आईना दिखाया, बल्कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ उनकी दोस्ती की ऐसी तस्वीरें सामने आईं जिसने वैश्विक कूटनीति में एक नई मिसाल कायम कर दी। इस पूरे सम्मेलन की वो 10 बड़ी बातें, जो आपको जानना जरूरी हैं:

जब पुतिन बने मोदी के 'ड्राइवर': इस सम्मेलन की सबसे यादगार तस्वीर वो थी जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद गाड़ी चलाकर पीएम मोदी को द्विपक्षीय बातचीत के लिए ले गए। यह सिर्फ एक सवारी नहीं, बल्कि दुनिया के दो सबसे ताकतवर नेताओं के बीच गहरी दोस्ती और सम्मान का प्रतीक था, जिसने दिखाया कि भारत-रूस के रिश्ते कितने खास हैं।

आतंकवाद पर सीधी चोट: पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए दुनिया को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद 'अच्छा' या 'बुरा' नहीं होता और इसे किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने SCO देशों से आतंकवाद के खिलाफ बिना "अगर-मगर" के एकजुट होने का आह्वान किया।

पाकिस्तान को आईना: बिना नाम लिए पीएम मोदी का इशारा साफ तौर पर पाकिस्तान की तरफ था। उन्होंने कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का इस्तेमाल करते हैं और ऐसे देशों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।

चीन के साथ सीमा विवाद: पीएम मोदी ने यह भी कहा कि सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए, जो चीन के लिए एक सीधा संदेश था।

भारत बना स्थायी सदस्य: इस शिखर सम्मेलन में भारत को SCO के दो महत्वपूर्ण निकायों - क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS) और SCO सचिवालय में पहली बार स्थायी सदस्य का दर्जा मिला, जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की भूमिका को और मजबूत करेगा।

ईरान बना नया सदस्य: इस समिट में ईरान आधिकारिक तौर पर SCO का 9वां सदस्य देश बन गया, जिससे इस संगठन का प्रभाव मध्य पूर्व तक बढ़ गया है।

कनेक्टिविटी पर जोर: पीएम मोदी ने चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) का जिक्र करते हुए कहा कि हमें आपसी व्यापार बढ़ाने के लिए कनेक्टिविटी पर ध्यान देना होगा, लेकिन यह कनेक्टिविटी सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करते हुए होनी चाहिए।

भारत को मिली SCO की अध्यक्षता: अगले साल के लिए SCO की अध्यक्षता भारत को सौंपी गई है, जिसका मतलब है कि अगला शिखर सम्मेलन भारत में होगा। यह वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते कद का एक और प्रमाण है।

पुतिन के साथ बंद कमरे में बात: कार की सवारी के बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने बंद कमरे में द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।

दुनिया को संदेश: , इस सम्मेलन में भारत ने यह साफ कर दिया कि वह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार है, लेकिन अपने राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।

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