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Up Kiran , Digital Desk: आतंकवाद के खिलाफ भारत की आक्रामक कूटनीति अब वैश्विक पटल पर नए आयाम गढ़ रही है। "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद सीमा पार आतंकवाद से निपटने की अपनी नई नीति को दुनिया के सामने रखने के लिए भारत ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विभिन्न देशों में भेजने का फैसला किया है। इनमें से तीन प्रतिनिधिमंडल आज यानी बुधवार को अपनी यात्रा पर रवाना हो रहे हैं।

आज रवाना होने वाले प्रतिनिधिमंडल

पहला प्रतिनिधिमंडल: शिवसेना सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पहला दल बुधवार को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के लिए रवाना होगा। इसके बाद यह कांगो, सिएरा लियोन और लाइबेरिया का भी दौरा करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज, मनन कुमार मिश्रा, एसएस अहलूवालिया, बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा, आईयूएमएल सांसद ईटी मोहम्मद बशीर और राजदूत सुजान चिनॉय शामिल हैं।

दूसरा प्रतिनिधिमंडल: जदयू सांसद संजय झा के नेतृत्व में दूसरा प्रतिनिधिमंडल 22 मई को जापान, 24 मई को दक्षिण कोरिया, 27 मई को सिंगापुर, 28 मई को इंडोनेशिया और 31 मई को मलेशिया का दौरा करेगा। इस दल में भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, बृजलाल, प्रदान बरूआ, डॉ. हेमांग जोशी, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और राजनयिक मोहन कुमार शामिल हैं।

तीसरा प्रतिनिधिमंडल: द्रमुक सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में तीसरा प्रतिनिधिमंडल 22 मई को रूस, 25 मई को स्लोवेनिया, 27 मई को ग्रीस, 29 मई को लातविया और 31 मई को स्पेन का दौरा करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में समाजवादी पार्टी के राजीव राय, नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ अहमद, भाजपा के कैप्टन बृजेश चौटा, राजद के प्रेमचंद गुप्ता, आप सांसद अशोक कुमार मित्तल और राजनयिक मंजीव पुरी तथा जावेद अशरफ शामिल हैं।

आतंकवाद पर भारत का स्पष्ट संदेश

ये सभी प्रतिनिधिमंडल एक विशेष डोजियर लेकर विदेश जा रहे हैं। इस डोजियर में पाकिस्तान द्वारा दशकों से आतंकवाद को बढ़ावा दिए जाने और "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद सीमा पार आतंकवाद से निपटने में नई दिल्ली की नई और सख्त नीति पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। इन प्रतिनिधिमंडलों का लक्ष्य 33 देशों के सांसदों, मंत्रियों, सरकारी अधिकारियों और थिंक टैंकों से मिलना है। वे उन्हें यह समझाएंगे कि किस प्रकार भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के माध्यम से सीमा पार आतंकवाद से सख्ती से निपटने की एक नई परंपरा स्थापित की है।

ब्रीफिंग और भारत की प्रतिबद्धता

पहले प्रतिनिधिमंडल को मंगलवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी, जबकि शेष टीमों को आज ब्रीफ किया जाएगा। ब्रीफिंग के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सदस्यों को आतंकवादी हमलों में पड़ोसी देश की भूमिका और अपराधियों व उनके मास्टरमाइंडों को दंडित करने की भारत की प्रतिबद्धता के बारे में बताया। मिस्री ने स्पष्ट किया कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अपनी धरती पर किसी भी आतंकवादी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी "नई सामान्य स्थिति" के तहत जवाबी कार्रवाई करेगा। उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की स्वतंत्र जांच की पाकिस्तान की पेशकश का हवाला देते हुए पाकिस्तान के पिछले रिकॉर्ड पर सवाल उठाए, जिसमें 26/11 मुंबई और 2026 में पठानकोट जैसे हमलों के बाद भी पाकिस्तान ने भारत द्वारा प्रस्तुत सबूतों को अनदेखा किया था।

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