img

Up Kiran, Digital Desk: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि देश को युद्ध जैसी स्थिति के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। उन्होंने यह बयान हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुए चार दिनों के सैन्य संघर्ष के बाद दिया, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि सीमाओं पर कभी भी कुछ भी हो सकता है। सिंह का कहना था कि मई 2023 में हुआ यह संघर्ष देश के लिए एक चेतावनी साबित हुआ है।

ऑपरेशन सिंदूर की महत्ता पर प्रकाश डाला

सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया था। इस ऑपरेशन ने ना केवल पाकिस्तान को प्रत्युत्तर दिया, बल्कि स्वदेशी उपकरणों के प्रभावी उपयोग से भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा भी बढ़ाई। राजनाथ ने इसे एक केस स्टडी के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि यह हमें अपने भविष्य की रणनीति तय करने के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रदान करता है।

स्वदेशीकरण है सुरक्षा का मुख्य आधार

रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिसमें युद्ध 'हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा था।' उन्होंने इस मौके पर भारत की आत्मनिर्भरता पर जोर दिया और कहा कि वैश्विक अनिश्चितताएं और बढ़ते संघर्ष क्षेत्रों को देखते हुए, स्वदेशीकरण ही सुरक्षा का सबसे प्रभावी तरीका है।

भारत का रक्षा उत्पादन: रिकॉर्ड वृद्धि

राजनाथ सिंह ने आंकड़ों के साथ यह बताया कि 2014 से पहले भारत अपनी अधिकांश सुरक्षा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर था। लेकिन अब भारत रक्षा उपकरणों का निर्माण अपनी धरती पर ही करने में सक्षम हो चुका है। उन्होंने बताया कि 2014 में भारत का रक्षा उत्पादन केवल 46,000 करोड़ रुपये था, जबकि अब यह बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। सिंह ने यह भी कहा कि मार्च 2026 तक भारत का रक्षा निर्यात 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

आगे बढ़ने के लिए स्वदेशी नवाचार की आवश्यकता

सिंह ने भारतीय उद्योग से आग्रह किया कि वे केवल प्लेटफॉर्म्स के निर्माण पर ध्यान केंद्रित न करें, बल्कि उप-प्रणालियों और घटकों के स्वदेशी निर्माण पर भी काम करें। उन्होंने कहा कि विदेशी उपकरणों की खरीद से भारत के संसाधनों पर दबाव बढ़ता है, इसलिए स्वदेशी सामग्री को बढ़ावा देना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

स्वदेशी रक्षा उपकरणों की शक्ति

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने स्वदेशी आकाश मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस, और आकाशतीर वायु रक्षा नियंत्रण प्रणाली का प्रभावी उपयोग किया। सिंह ने इन उपकरणों की शक्ति को सराहा और इसे भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया।

‘मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड’

रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि भारत केवल अपनी सुरक्षा को मजबूत नहीं कर रहा है, बल्कि दुनिया भर में 'मेड इन इंडिया' रक्षा उत्पादों को प्रस्तुत करने की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सरकार ने कई पहल की हैं।