
Up Kiran, Digital Desk: वो दिन अब लद गए जब भारत को अपनी सुरक्षा के लिए दूसरे देशों की तरफ देखना पड़ता था। 'आत्मनिर्भर भारत' का सपना अब सिर्फ़ कागज़ों पर नहीं, बल्कि हकीकत की ज़मीन पर और समंदर की लहरों पर भी साकार हो रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा और ऐतिहासिक ऐलान किया है, जिसे सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। उन्होंने साफ़ कर दिया है कि भविष्य में भारतीय नौसेना के सभी युद्धपोत (Warships) भारत में ही बनाए जाएंगे।
क्या है इस ऐलान का असली मतलब?
रक्षा मंत्री का यह बयान सिर्फ़ एक घोषणा नहीं है, बल्कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' नीति की एक बड़ी कामयाबी का प्रतीक है। चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि इसके क्या मायने हैं:
सुरक्षा अब अपने हाथ में: इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब हमें युद्धपोत खरीदने या उनकी टेक्नोलॉजी के लिए किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। युद्ध जैसी स्थिति में कोई भी देश हमें ब्लैकमेल नहीं कर सकता। हमारी ज़रूरत के हिसाब से, हमारी अपनी टेक्नोलॉजी से, हमारे ही शिपयार्ड में जहाज़ बनेंगे।
लाखों नौकरियां और मज़बूत अर्थव्यवस्था: जब युद्धपोत देश में बनेंगे, तो इन्हें बनाने का काम भारतीय कंपनियों को मिलेगा। इससे स्टील, इंजीनियरिंग और कई दूसरे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और देश के युवाओं के लिए लाखों नए रोज़गार पैदा होंगे। देश का पैसा देश में ही रहेगा।
दुनिया में बढ़ेगा भारत का दबदबा: आज तक भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीदारों में से एक था। अब हम बनाने वालों की लीग में शामिल हो रहे हैं। यह ऐलान दुनिया को एक मज़बूत संदेश देता है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में एक बहुत बड़ी ताकत बन चुका है। भविष्य में हम अपने बनाए युद्धपोत दूसरे देशों को बेच भी सकते हैं