
भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ी और उत्साहजनक खबर सामने आई है। नीति आयोग के सीईओ बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने कहा है कि भारत अगले तीन वर्षों में जर्मनी और जापान को पछाड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। फिलहाल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
2027 तक तीसरी और 2047 तक दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य
पीटीआई के मुताबिक, सुब्रह्मण्यम ने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में 4.3 ट्रिलियन डॉलर (अमेरिकी डॉलर) के आसपास है। उनका अनुमान है कि:
2025 के अंत तक भारत चौथे स्थान पर होगा
2027 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा
2047 तक भारत 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनकर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ताकत बन सकता है
लोकतंत्र भारत की सबसे बड़ी ताकत
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी पूंजी उसका लोकतंत्र है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत शिक्षा और ज्ञान का वैश्विक केंद्र बन सकता है। उनके अनुसार, जब बाकी दुनिया की जनसंख्या घट रही है, तब भारत स्थिर जनसंख्या वृद्धि और कामकाजी उम्र की जनसंख्या के मामले में आगे रहेगा।
भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर सोचने की जरूरत
नीति आयोग के सीईओ ने भारतीय कंपनियों—खासकर लॉ फर्म और अकाउंटिंग फर्म—से आग्रह किया कि वे वैश्विक नेतृत्व की आकांक्षा रखें। उन्होंने कहा कि भारत अब गरीबी दूर करने वाले देशों की श्रेणी में नहीं बल्कि मध्यम आय वर्ग की जटिलताओं से जूझने वाले देशों की श्रेणी में आ चुका है।
उनके मुताबिक, अब बात सिर्फ पेट भरने या वस्त्र देने की नहीं, बल्कि इस बात की है कि कैसे भारत एक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बने।
कामकाजी जनसंख्या भारत की सबसे बड़ी ताकत
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में दुनियाभर को कामकाजी जनसंख्या मुहैया कराने वाला देश बनेगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया:
जापान 15,000 भारतीय नर्सों को बुला रहा है
जर्मनी 20,000 भारतीय स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती कर रहा है
इन देशों में जनसंख्या कम हो रही है और पारिवारिक ढांचे कमजोर हो रहे हैं, ऐसे में भारत जैसे देशों पर उनकी निर्भरता बढ़ेगी।