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Up Kiran, Digital Desk: भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी प्रतिभा को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, 50 भारतीय ग्रामीण आविष्कारक (इनोवेटर्स) अमेरिका के ऑस्टिन, टेक्सास में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित वैश्विक जुनिकॉर्न AI शिखर सम्मेलन (समिट) में भाग लेने के लिए तैयार हैं। यह अपनी तरह का एक अनूठा अवसर है जहाँ भारत के गाँवों से निकले जमीनी स्तर के आविष्कारक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में हो रहे वैश्विक नवाचारों को देखेंगे और अपने विचारों को साझा करेंगे।

इस पहल का श्रेय मुख्य रूप से हैदराबाद स्थित गैर-सरकारी संगठन (NGO) 'पल्ले सृजना' को जाता है, जो ग्रामीण नवाचारों को बढ़ावा देने और उन्हें समर्थन देने के लिए काम करता है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने भी इस यात्रा को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

यह भागीदारी इसलिए बेहद खास है क्योंकि यह शहरी-ग्रामीण और वैश्विक डिजिटल खाई को पाटने का काम करती है। अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों के आविष्कारकों के पास संसाधनों और वैश्विक मंचों तक पहुंच की कमी होती है। जुनिकॉर्न AI समिट जैसे बड़े आयोजन में उनकी उपस्थिति न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी, बल्कि दुनिया को यह भी दिखाएगी कि भारत के गाँवों में कितनी रचनात्मकता और समस्या-समाधान की क्षमता मौजूद है।

ये 50 आविष्कारक विभिन्न पृष्ठभूमि से आते हैं - जिनमें किसान, कारीगर और सामान्य ग्रामीण नागरिक शामिल हैं - जिन्होंने अपने आस-पास की समस्याओं को हल करने के लिए सरल, व्यावहारिक और अक्सर कम लागत वाले समाधान विकसित किए हैं। उनके नवाचार अक्सर स्थानीय ज्ञान और संसाधनों पर आधारित होते हैं।

पल्ले सृजना के संस्थापक और प्रतिष्ठित ग्रामीण नवाचार समर्थक श्री अनिल कुमार गुप्ता ने इस अवसर पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण आविष्कारकों में अद्भुत क्षमता होती है और उन्हें बस सही मंच और प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है। DST से डॉ. एस. चंद्रशेखर ने भी इस पहल का समर्थन किया है, यह मानते हुए कि यह भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।

इस समिट में भाग लेकर, ये ग्रामीण आविष्कारक न केवल AI और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों के बारे में जानेंगे, बल्कि उन्हें संभावित सहयोगियों, निवेशकों और विशेषज्ञों से जुड़ने का भी मौका मिलेगा। यह अनुभव निश्चित रूप से उन्हें अपने नवाचारों को और बेहतर बनाने और उन्हें बड़े पैमाने पर लागू करने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे अंततः ग्रामीण समुदायों का जीवन स्तर सुधरेगा और भारत के विकास में योगदान मिलेगा।

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