
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक और बेहद उत्साहजनक खबर सामने आई है। वित्त वर्ष 2025 में विदेशों में काम कर रहे भारतीयों द्वारा देश को भेजी गई रकम (रेमिटेंस/remittances) ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। यह आंकड़ा रिकॉर्ड $135 बिलियन तक पहुंच गया है, जो भारत की आर्थिक स्थिरता और विदेशों में रहने वाले भारतीयों के योगदान का एक मजबूत प्रमाण है।
यह रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि कई कारकों का परिणाम है:
वैश्विक आर्थिक सुधार: विभिन्न देशों में आर्थिक गतिविधियों में सुधार से रोजगार के अवसर बढ़े हैं और भारतीयों की आय में वृद्धि हुई है।
कुशल श्रमिकों की मांग: भारतीय कुशल श्रमिक और पेशेवर दुनिया भर में विभिन्न क्षेत्रों में भारी मांग में हैं।
अनुकूल सरकारी नीतियां: सरकार की नीतियां भी विदेशों से धन प्रेषण को आसान बनाने में मदद करती हैं।
यह विशाल रेमिटेंस देश की विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने, भुगतान संतुलन को बनाए रखने और घरेलू खपत को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह परिवारों के लिए सीधा वित्तीय सहारा भी प्रदान करता है, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होता है और गरीबी कम होती है।
यह उपलब्धि दर्शाती है कि भारतीय डायस्पोरा (प्रवासी भारतीय समुदाय) न केवल अपनी मेहनत से विदेशों में सफलता प्राप्त कर रहा है, बल्कि अपनी मातृभूमि की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह प्रवृत्ति भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगी और देश के वित्तीय भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
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