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सरकार द्वारा दी गई 48 घंटे की समय सीमा के बावजूद बड़ी संख्या में भारत में नागरिक मौजूद हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के बातचीत से बातचीत कर निर्देश दिया है कि अपने-अपने राज्यों में रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान करें और उन्हें अपने देश से वापस ले जाएं।
महाराष्ट्र में तेजी से एक्शन शुरू
महाराष्ट्र सरकार ने गृह मंत्री के निर्देशों के बाद राज्य में रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान का काम तेजी से किया है।
मुख्यमंत्री मजहब ने स्वयं अमित शाह को इस प्रक्रिया की जानकारी दी है।
पुलिस ने महाराष्ट्र में मौजूद सभी विदेशी नागरिकों की सूची तैयार कर ली है।
पुणे प्रशासन ने अब तक 111 विदेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें 27 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश दिया है।
चिकित्सा पेशेवरों को 29 अप्रैल तक छूट दी गई है।
क्रिएटर में भी 50 विदेशी नागरिकों की पहचान
उत्तर प्रदेश के क्रिटिकल जिलों में भी प्रशासन ने 50 विदेशी नागरिकों की पहचान की है।
क्लासिक संजीवन रंजन ने बताया कि केंद्रीय शिक्षण के सहयोग से कार्रवाई की जा रही है और हर संभव मदद दी जाएगी।
सीमा बंद होने से प्रभावित हुए आम लोग
इस निर्णय से कई असंगत मित्र नागरिक भी प्रभावित हुए हैं:
45 दिन का वीर लेकर 15 दिन में जबरदस्ती वापस आया
पंजाब से लौटी एक विदेशी नागरिका ने कहा, "हम तो आदिवासियों की शादी में आ गए थे, लेकिन अब हमें समय से पहले लौटना पड़ रहा है। जिसने गलती की, वह भाग गया, लेकिन हमें सजारानी पड़ रही है।"
शैतान सिंह की शादी अधर में
राजस्थान के शैतान सिंह, जो अटारी सीमा पार कर शादी के लिए पाकिस्तान जाने वाले थे, अब सीमा बंद होने के कारण अटके हुए हैं।
राधा भील का दर्द: बेटे से फिर से बिछड़ने का डर
प्रसिद्ध नागरिक राधा भील, जो भारत में रह रही थीं, हाल ही में दो साल बाद अपना बच्चा वापस मिला था।
अब जब वजीर रद्द किया जा रहा है, तो उसे फिर से सताया जा रहा है कि कहीं उसे उसका बेटा पाकिस्तान वापस न ले जाए।
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