img

Up Kiran, Digital Desk: भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभ्रांशु शुक्ला, जो हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बने हैं, आज, 16 अगस्त को भारत लौट आए हैं। यह ऐतिहासिक पल भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के सफर में एक नया मील का पत्थर साबित हुआ है। एक्सिओम-4 मिशन के हिस्से के रूप में अमेरिका में अपना समय पूरा करने के बाद, शुक्ला अब भारत में अपने प्रियजनों से मिलने के लिए उत्सुक हैं।

भावनात्मक वापसी: "सब कुछ एक साथ मिल गया"

शुक्ला ने इंस्टाग्राम पर अपने लौटने की घोषणा करते हुए एक मार्मिक संदेश साझा किया, जिसमें अमेरिका में बिताए पिछले एक साल के अनुभवों का जिक्र था। उन्होंने उन लोगों को छोड़ने पर उदासी व्यक्त की जो इस मिशन के दौरान उनके दोस्त और परिवार बन गए थे, लेकिन साथ ही उन्होंने भारत में अपने परिवार और दोस्तों से मिलने के लिए अपना उत्साह भी जाहिर किया। 

शुक्ला ने लिखा, "जैसे ही मैं भारत वापस आने वाली प्लेन में बैठता हूं, मेरे दिल में भावनाओं का एक मिश्रण उमड़ रहा है। मुझे उन अद्भुत लोगों को पीछे छोड़ने का दुख है जो इस मिशन के दौरान पिछले एक साल से मेरे दोस्त और परिवार थे। मैं अपने सभी दोस्तों, परिवार और पूरे देश में सभी से पहली बार मिशन के बाद मिलने के लिए भी उत्साहित हूं।

 मुझे लगता है कि जीवन ऐसा ही होता है—सब कुछ एक साथ।" उन्होंने आगे कहा, "मिशन के दौरान और उसके बाद सभी से अविश्वसनीय प्यार और समर्थन प्राप्त करने के बाद, मैं आप सभी के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए भारत लौटने का इंतजार नहीं कर सकता। अलविदा कहना मुश्किल है, लेकिन हमें जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए।"

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस से पहले भारत आगमन

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने 15 अगस्त को जानकारी देते हुए बताया था कि दिल्ली में अपने संक्षिप्त प्रवास के दौरान, ग्रुप कैप्टन शुक्ला के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की उम्मीद है। इसके बाद वे अपने गृहनगर लखनऊ जाकर अपने परिवार से मिलेंगे। इसके पश्चात्, वे 23 अगस्त को होने वाले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में भाग लेने के लिए एक बार फिर राजधानी दिल्ली लौटेंगे। भारत में 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग की वर्षगांठ है।

भारत के अंतरिक्ष सफर में महत्वपूर्ण योगदान

ग्रुप कैप्टन शुक्ला का ISS पर जाना भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह यात्रा देश की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं और भविष्य के मानव अंतरिक्ष मिशनों, जैसे कि गगनयान, के लिए बहुमूल्य अनुभव प्रदान करेगी। शुक्ला ने मिशन के दौरान कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लिया, जिनका डेटा भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अध्ययनों में सहायक होगा।

भविष्य की योजनाएँ और प्रेरणा

शुक्ला की वापसी भारत के युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो उन्हें अंतरिक्ष अन्वेषण और विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उनकी यह यात्रा यह दर्शाती है कि भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और मानव अंतरिक्ष उड़ान में महत्वपूर्ण प्रगति की है। अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के अंत में, शुक्ला ने अपने कमांडर पेगी व्हिटसन के शब्दों को याद करते हुए लिखा, “जैसा कि मेरे कमांडर @astro_peggy स्नेह से कहते हैं, 'अंतरिक्ष उड़ान में एकमात्र निरंतरता परिवर्तन है।' मेरा मानना ​​है कि यह जीवन पर भी लागू होता है। मुझे लगता है कि दिन के अंत में—'यूँ ही चला चल राही—जीवन गाड़ी है समय पहिया'।”

--Advertisement--