
Up Kiran, Digital Desk: देश के कोयला और खान मंत्री, प्रल्हाद जोशी ने हाल ही में एक ऐसा दावा किया है जो भारत के ऊर्जा परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है। उन्होंने कहा है कि भारत अब ऐसी स्थिति में पहुँच गया है जहाँ वह चौबीसों घंटे (24 घंटे सातों दिन) सौर ऊर्जा की आपूर्ति कर सकता है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसकी लागत कोयले से पैदा होने वाली बिजली से भी कम होगी।
यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कोयला अभी भी भारत में बिजली उत्पादन का सबसे बड़ा स्रोत है। यदि सौर ऊर्जा वास्तव में लगातार और कोयले से सस्ती दर पर उपलब्ध हो जाती है, तो यह नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी सफलता होगी।
मंत्री जोशी के अनुसार, तकनीकी प्रगति और बड़े पैमाने पर सौर परियोजनाओं के विकास ने इसे संभव बनाया है। 24/7 सौर आपूर्ति का मतलब है कि सौर ऊर्जा केवल दिन के उजाले में उपलब्ध होने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसे भंडारण (storage) समाधानों या हाइब्रिड सिस्टम (जैसे सौर और पवन ऊर्जा का संयोजन) के माध्यम से चौबीसों घंटे ग्रिड में भेजा जा सकेगा।
यदि यह दावा जमीनी हकीकत में बदलता है, तो इसके दूरगामी परिणाम होंगे। यह न केवल बिजली की लागत को कम करने में मदद करेगा, बल्कि भारत को अपने जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने में भी सहायक होगा। यह भारत को वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित कर सकता है।
यह दावा भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता और प्रौद्योगिकी में निवेश के महत्व को दर्शाता है।
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