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Up Kiran, Digital Desk: बुधवार को यहाँ चल रही U-22 एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप (U-22 Asian Boxing Championships) में भारत के मुक्केबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली. नीरज (Neeraj), ईशान कटारिया (Ishan Kataria), यात्री पटेल (Yatri Patel) और प्रिया (Priya) ने अपने विरोधियों को पस्त करते हुए, भारतीय मुक्केबाजी (Indian Boxing) के लिए पदकों की दौड़ को मजबूत कर दिया है. ये युवा भारतीय मुक्केबाज (Young Indian Boxers) अब प्रतिष्ठित 'स्वर्ण पदक' (Gold Medal) जीतने की ओर एक कदम आगे बढ़ गए हैं, जो आगामी 'ओलंपिक खेलों' (Olympic Games) के लिए भारत की उम्मीदों को भी बल देगा.

नीरज का स्पीड गेम: 'सेंधा नमाज़' जैसा सटीक मुक्का, दक्षिण कोरिया को किया धराशायी!

पुरुषों के 75 किग्रा वर्ग (Men's 75kg category) में नीरज ने अपनी गति और पलटवार करने की असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन किया. उन्होंने दक्षिण कोरिया (South Korea) के क्योघ्यो बांग (Kyeongho Bang) को 5:0 के सर्वसम्मत फैसले से हराकर सीधे खिताबी मुकाबले में अपनी जगह बनाई. नीरज के मुक्कों की सटीकता और उनका तेज फुटवर्क (footwork) देखकर प्रतिद्वंद्वी पूरी तरह से हैरान रह गया. यह जीत भारतीय मुक्केबाजी के 'भविष्य के स्टार' (Future Boxing Star) के रूप में नीरज की दावेदारी को मजबूत करती है, जिससे भारत की 'एशियाई चैंपियनशिप में गोल्ड' (Asian Championship Gold) जीतने की संभावना बढ़ जाती है.

ईशान का तूफानी पंच: चीनी खिलाड़ी चित, रेफरी ने रोक दिया मुकाबला! क्या ये होगा बॉक्सिंग का नया 'हल्क'?

पुरुषों के 90+ किग्रा वर्ग (Men's 90+kg category) में ईशान कटारिया (Ishan Kataria) ने चीन के चेन चेन (Chen Chen) पर पूरी तरह से अपना दबदबा बनाए रखा. ईशान ने अपने दमदार मुक्कों (big punches) से चीनी खिलाड़ी को इतना परेशान कर दिया कि रेफरी को तीसरे राउंड में ही मुकाबला रोकना पड़ा (referee stopped the contest). ईशान की यह जीत उनकी जबरदस्त 'नॉकआउट क्षमता' (Knockout power) को दर्शाती है, जो उन्हें इस चैंपियनशिप में एक प्रबल दावेदार बनाती है. यह प्रदर्शन 'हेवीवेट मुक्केबाजी' (Heavyweight Boxing) में भारत की बढ़ती ताकत का प्रतीक है.

महिला शक्ति का प्रदर्शन: यात्री और प्रिया ने दिखाया 'मुक्केबाजी' का असली दम, विरोधियों के छूटे पसीने!

महिलाओं के 57 किग्रा वर्ग (Women's 57kg category) में यात्री पटेल (Yatri Patel) ने अपने 'लेफ्ट-राइट मुक्कों' (left-right punches) के शानदार संयोजन का उपयोग करते हुए वियतनाम (Vietnam) की थी नुंग क्वांड (Thi Nhung Quand) पर दबदबा बनाया. उन्होंने सर्वसम्मत 5:0 के फैसले से जीत हासिल कर फाइनल में प्रवेश किया. वहीं, प्रिया (Priya) ने भी महिलाओं के 60 किग्रा वर्ग (Women's 60kg category) में शानदार प्रदर्शन किया.

 उन्होंने उज़्बेकिस्तान (Uzbekistan) की ओडिनखोनी इस्माइलोवा (Odinakhon Ismoilova) पर जबरदस्त वार करते हुए उन्हें हराया और फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित की. ये दोनों महिला मुक्केबाज (Female Boxers) भारतीय मुक्केबाजी में महिलाओं के बढ़ते प्रभुत्व का प्रमाण हैं और वे भारत के लिए 'महिला बॉक्सिंग मेडल' (Women's Boxing Medal) की उम्मीद जगा रही हैं.

कांस्य पदकों की बौछार: ये खिलाड़ी भी रहे मैदान में चट्टान की तरह, देश को किया गौरवान्वित!

U19 और U22 एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप (U19 and U22 Asian Boxing Championships) एक साथ आयोजित की जा रही हैं, जो भारत के उभरते सितारों (India's rising stars) को एशिया के कुछ सबसे कठिन प्रतिद्वंद्वियों (Asia’s toughest opponents) के खिलाफ अपने कौशल का प्रदर्शन करने का मंच प्रदान करती हैं. भारत ने इस प्रतियोगिता में 40 मुक्केबाजों – प्रत्येक आयु वर्ग में 20 – को उतारा है. अन्य सेमी-फाइनलिस्टों में, रॉकी चौधरी (Rockey Chaudhary) का ईरान (Iran) के सैम इस्ताकी (Sam Estaki) के खिलाफ मुकाबला दूसरे राउंड में ही रोकना पड़ा, क्योंकि उन्हें अपनी दोनों भौंहों पर कट लग गए थे.

 हर्ष (Harsh) (60 किग्रा) और मयूर (Mayur) (90 किग्रा) ने अपने संबंधित विरोधियों के खिलाफ जबरदस्त लड़ाई लड़ी, लेकिन स्प्लिट वर्डिक्ट में सही पक्ष में समाप्त नहीं हो सके. हर्ष उज़्बेकिस्तान (Uzbekistan) के शोहरुह अब्दूमलिकोव (Shohruh Abdumalikov) से 1:4 से हार गए, जबकि मयूर उसी देश के शख्ज़ोड पोलवोनोव (Shakhzod Polvonov) से हार गए.

 अंकुश (Ankush) कजाकिस्तान (Kazakhstan) के संजय-अली बेगालिएव (Sanzhar-Ali Begaliyev) से 0:5 से हार गए. ये सभी चारों मुक्केबाज घर कांस्य पदक (bronze medal) लेकर आएंगे. महिला वर्ग में, भावना शर्मा (Bhawna Sharma) महिलाओं के 48 किग्रा वर्ग (Women’s 48kg category) में उज़्बेकिस्तान की रॉबियाखोन बख्तियारोवा (Robiyakhon Bakhtiyorova) से 1:4 से हार गईं, जबकि पार्थवी ग्रेवाल (Parthavi Grewal) (महिला 60 किग्रा), प्रांजल यादव (Parnjal Yadav) (महिला 65 किग्रा) और श्रुति (Shruti) (महिला 75 किग्रा) भी अपने सेमी-फाइनल मुकाबले हार गईं और कांस्य पदक के साथ संतोष करना पड़ा. भारतीय मुक्केबाजों का यह 'शानदार प्रदर्शन' (great performance) खेल प्रेमियों के लिए 'गर्व का पल' (moment of pride) है