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World News: भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि दुनिया भर में आतंकवादी घटनाओं पर पाक की उंगलियों के निशान हैं और देश को यह महसूस करना चाहिए कि वह अपने पड़ोसियों के खिलाफ काफी वक्त से सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल करता आ रहा है, जिसके अनिवार्य रूप से अंजाम भुगतने होंगे।

यूएन में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव भाविका मंगलनंदन ने अपने उत्तर देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए महासभा के 79वें सत्र में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ के भाषण का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था। मंगलनंदन ने अपने बयान में कहा, "ये सभा अफसोसजनक रूप से आज सुबह एक हास्यास्पद घटना की गवाह बनी। सेना द्वारा संचालित, आतंकवाद, मादक पदार्थों के व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए वैश्विक प्रतिष्ठा वाले देश ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया है।"

सचिव ने आगे कहा, "जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थयात्रा मार्गों पर हमला किया है। ये फेहरिस्त लंबी है। ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है। धांधली वाले चुनावों के इतिहास वाले देश के लिए राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करना और भी असाधारण है, वो भी एक लोकतंत्र में।"

आगे जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को ये समझना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के परिणाम निश्चित रूप से भुगतने होंगे। 

यूएन में शहबाज शरीफ का भाषण भी अलग नहीं था, क्योंकि उन्होंने भारत पर अपनी सैन्य क्षमताओं का बड़े पैमाने पर विस्तार करने का इल्जाम लगाया।