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Up Kiran, Digital Desk: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। पिछले हफ्ते सैकड़ों उड़ानें अचानक रद्द कर दी गईं। यात्री एयरपोर्ट पर घंटों इंतजार करते रहे। गुस्सा फूटा। लेकिन अब मामला सिर्फ फ्लाइट कैंसिलेशन तक नहीं रहा। एक गुमनाम कर्मचारी का लिखा पत्र सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है और उसमें कंपनी के टॉप बॉस पर सीधे हमला बोला गया है।

पत्र में सीईओ पीटर एल्बर्स समेत चार बड़े अधिकारियों का नाम लिया गया है। दावा है कि जब पूरा सिस्टम ध्वस्त हो रहा था तब सीईओ साहब नीदरलैंड में छुट्टियां एंजॉय कर रहे थे। साथ ही वरिष्ठ अधिकारी इसिडोर पोर्केरस, आसिम मित्रा और जेसन हर्टर को भी जिम्मेदार बताया गया है।

कर्मचारी ने लिखा है कि यह संकट रातोंरात नहीं आया। सालों से कंपनी सिर्फ और सिर्फ विस्तार और लागत बचत के पीछे भाग रही है। पायलट और केबिन क्रू को इतनी लंबी ड्यूटी दी जाती है कि वे थककर चूर हो जाते हैं। रोस्टर ऐसा बनाया जाता है कि आराम का नामोनिशान नहीं। डर का माहौल है। कोई बोलने की हिम्मत करता है तो नौकरी पर खतरा।

सबसे चौंकाने वाली बात-पत्र में कहा गया है कि अब इंडिगो अपने यात्रियों को “ग्राहक” नहीं “बोझ” समझने लगी है। एक लाइन तो लाखों बार शेयर हो रही है कि अगर आप उन्हें यात्री कहेंगे तो वे समझेंगे एयरलाइन उनकी है।

व्हिसलब्लोअर ने सरकार से तीन बड़ी मांगें रखी हैं

1. ग्राउंड स्टाफ के लिए न्यूनतम वेतन तय हो

2. हर विमान के लिए कम से कम कितने कर्मचारी जरूरी हों यह नियम बनें

3. थकान से जुड़े नियम बनाते वक्त कर्मचारियों के प्रतिनिधि जरूर शामिल हों

अभी तक इंडिगो प्रबंधन की तरफ से इस पत्र पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पत्र लिखने वाले ने अपना नाम या पद नहीं बताया और न ही कोई सबूत सार्वजनिक किया है। फिर भी सोशल मीडिया पर यह पत्र तेजी से वायरल हो रहा है और लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी एयरलाइन के साथ ऐसा क्या हो रहा है।

यात्री परेशान हैं। टिकट बुकिंग रद्द हो रही है। रिफंड में देरी हो रही है। आने वाले दिनों में त्योहारों का सीजन भी है। अगर यही हाल रहा तो लाखों लोग प्रभावित होंगे।