हाल ही में ईरान ने इजरायल पर लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिससे पूरे इजरायल में हवाई हमले के सायरन बजने लगे और लोग बंकरों में भागे। इस हमले को ईरान ने हिजबुल्लाह और हमास के प्रमुख नेताओं की हत्याओं का बदला बताया है। हालांकि, इजरायली रक्षा बलों ने कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया, लेकिन कुछ मिसाइलें मध्य और दक्षिणी इजरायल में गिरीं, जिससे दो लोग मामूली रूप से घायल हो गए।
इसके बाद, ईरान ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री योआव गैलेंट और सेना प्रमुख हर्जी हलेवी सहित 11 अधिकारियों की हिट लिस्ट जारी की और उन्हें मारने की धमकी दी। ईरान का कहना है कि यह कार्रवाई इजरायल की आक्रामकता का जवाब है।
इजरायल ने इस हमले को अपनी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा मानते हुए जवाबी कार्रवाई की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि ईरान ने "बड़ी गलती की है" और तेहरान को "इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी"।
इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल को सलाह दी है कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करे, जबकि वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी दी है कि ऐसा करने पर अमेरिका इजरायल का समर्थन नहीं करेगा।
इस घटना से मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है, और दुनिया भर में इस संघर्ष के संभावित परिणामों को लेकर चिंता जताई जा रही है।
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