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Up Kiran, Digital Desk: ईरान ने अमेरिका पर अपने परमाणु केंद्रों पर हमले के जरिए कूटनीतिक प्रयासों को पटरी से उतारने का आरोप लगाया है। ईरानी अधिकारियों ने कहा है कि वे इन हमलों की प्रतिक्रिया कैसे और कब दी जाएगी, इसका फैसला उनकी सेना द्वारा किया जाएगा।
रविवार को अमेरिका द्वारा ईरान के तीन अहम परमाणु स्थलों — फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान — को निशाना बनाए जाने के बाद यह बयान सामने आया है। इस कार्रवाई से वॉशिंगटन अब सीधे तौर पर ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते टकराव में शामिल हो गया है।
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के प्रतिनिधि आमिर सईद इरावानी ने सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में चेताया कि उनका देश बार-बार अमेरिका को आगाह करता रहा है कि वह इस तरह के संघर्ष में न उलझे। यह बैठक "वैश्विक शांति और सुरक्षा को खतरा" विषय के अंतर्गत बुलाई गई थी।
ईरान बोले: जवाब तय करेगा समय और परिस्थिति
इरावानी ने जोर दिया कि ईरान को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपनी रक्षा करने का अधिकार है और इस हमले के जवाब में कौन-से कदम उठाए जाएंगे, इसका निर्णय उनकी सेना की रणनीतिक जरूरतों के अनुसार होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि ईरान अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए सभी जरूरी उपाय करेगा। साथ ही, 13 और 21 जून को हुए हमलों की कड़ी आलोचना की और उन्हें अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया।
ईरानी राजदूत ने यह भी कहा कि अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और उनके कुछ यूरोपीय सहयोगियों ने जिन नीतियों का समर्थन किया है, वे न केवल अवैध हैं, बल्कि राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित भी हैं।
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