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Up Kiran, Digital Desk: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विशेष दूत किरिल दिमित्रियेव ने शुक्रवार को एक अहम बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि रूस, अमेरिका और यूक्रेन अब युद्ध समाप्ति के कूटनीतिक समाधान के बेहद करीब पहुंच चुके हैं। इस दौरान दिमित्रियेव ने अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत के लिए वॉशिंगटन में होने के बाद सीएनएन से कहा कि डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन के बीच प्रस्तावित बैठक रद्द नहीं हुई है, बल्कि यह "उचित समय पर बाद में" आयोजित की जाएगी।

ट्रंप-पुतिन बैठक की स्थिति

इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह बताया था कि हंगरी में पुतिन के साथ उनकी बैठक रद्द हो गई है, क्योंकि रूस युद्धविराम पर सहमत नहीं हो पाया था और वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं दिखी। ट्रंप ने कहा था, "यह बैठक फिलहाल उपयुक्त समय पर नहीं है।" हालांकि, दिमित्रियेव ने शुक्रवार को यह दावा किया कि रूस, अमेरिका और यूक्रेन के बीच युद्ध के कूटनीतिक समाधान के रास्ते अब स्पष्ट हो चुके हैं।

यूरोपीय देशों का नया युद्धविराम प्रस्ताव

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय देशों ने यूक्रेन के साथ मिलकर मौजूदा युद्धरेखाओं पर आधारित एक नया युद्धविराम प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव में अमेरिका को वार्ता में एक केंद्रीय भूमिका निभाने की अहमियत दी जा रही है। दिमित्रियेव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का यह बड़ा कदम है कि अब वह बातचीत की ओर बढ़े हैं। पहले वह पूरी तरह से रूस की वापसी की मांग करते थे। अब हम कूटनीतिक समाधान के काफी करीब पहुंच गए हैं।"

रूस का रुख

रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया था, और इसके बाद से लगातार संघर्ष जारी है। हालांकि, रूस का यह मानना है कि यूक्रेन को पहले कुछ क्षेत्रों से पीछे हटने पर सहमति देनी होगी, ताकि युद्धविराम की संभावनाएं बन सकें। इस बीच, ट्रंप ने यह घोषणा की थी कि वह और पुतिन जल्द ही हंगरी में मुलाकात करेंगे, लेकिन पुतिन ने युद्ध समाप्ति पर कोई रियायत देने के संकेत नहीं दिए हैं।

अमेरिका के नए प्रतिबंध और दिमित्रियेव का बयान

दिमित्रियेव की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य पुतिन पर दबाव बनाना है, ताकि वह युद्ध समाप्ति की दिशा में कदम बढ़ाए। हालांकि, दिमित्रियेव का कहना था कि रूस और अमेरिका के बीच संवाद जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी तेल प्रतिबंधों का उलटा असर हो सकता है और इससे केवल अमेरिकी पेट्रोल पंपों पर गैसोलीन की कीमतें बढ़ सकती हैं।