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Up Kiran, Digital Desk: आजकल हर किसी पर, खासकर युवाओं पर फिट दिखने और 'बॉडी' बनाने का जुनून सवार है। सोशल मीडिया पर फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स को देखकर लोग जिम तो ज्वाइन कर लेते हैं, लेकिन जोश-जोश में कुछ ऐसी जानलेवा गलतियां कर बैठते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें जिंदगी भर भुगतना पड़ सकता है।

एक जाने-माने ऑर्थोपेडिक सर्जन (हड्डियों के डॉक्टर) ने चेतावनी दी है कि गलत तरीके से किया गया जिम रूटीन और जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज फायदा पहुंचाने की बजाय आपके शरीर को अंदर से खोखला कर सकती है, खासकर आपके जोड़ों को। अगर आप भी जिम जाते हैं, तो इन 5 बातों को गांठ बांध लें, वरना आपकी एक गलती आपको सीधा अस्पताल पहुंचा सकती है।

गलत फॉर्म: बॉडी नहीं, बीमारी बना रहे हैं आप

यह जिम में होने वाली सबसे आम और सबसे खतरनाक गलती है। दूसरों को देखकर या ऑनलाइन वीडियो फॉलो करके भारी वजन उठाना, स्क्वैट्स (Squats), डेडलिफ्ट (Deadlifts) और बेंच प्रेस (Bench Press) जैसे एक्सरसाइज गलत तरीके से करना आपके घुटनों, कमर और कंधों पर सीधा हमला करता है।

डॉक्टर की चेतावनी: गलत फॉर्म के साथ भारी वजन उठाने से आपकी रीढ़ की हड्डी पर गंभीर दबाव पड़ता है, जिससे स्लिप डिस्क जैसी समस्या हो सकती है। इसी तरह घुटनों के लिगामेंट फट सकते हैं और कंधों के जॉइंट हमेशा के लिए खराब हो सकते हैं।

क्या करें: किसी सर्टिफाइड ट्रेनर की देखरेख में ही एक्सरसाइज शुरू करें। पहले बिना वजन के या बहुत हल्के वजन के साथ सही पोस्चर और तकनीक सीखें। शीशे में खुद को देखें और अपनी फॉर्म पर ध्यान दें।

शरीर के दर्द को नजरअंदाज करना

जिम में हल्की-फुल्की मांसपेशियों की पीड़ा (soreness) होना आम बात है, लेकिन अगर आपको जोड़ों में, कमर में या किसी एक खास हिस्से में तेज या चुभने वाला दर्द हो रहा है, तो यह खतरे की घंटी है। कई लोग "No Pain, No Gain" (बिना दर्द के कोई फायदा नहीं) की कहावत को गलत समझकर इस दर्द के बावजूद एक्सरसाइज करते रहते हैं।

डॉक्टर की चेतावनी: यह दर्द आपके शरीर का सिग्नल है कि कुछ गलत हो रहा है। इसे नजरअंदाज करने का मतलब है कि आप एक छोटी सी चोट को एक बड़ी और स्थायी समस्या में बदल रहे हैं।

 वार्म-अप और कूल-डाउन को भूल जाना

कई लोग जिम पहुंचते ही सीधे भारी वजन उठाना शुरू कर देते हैं और एक्सरसाइज खत्म होते ही घर भाग जाते हैं। वे वार्म-अप और कूल-डाउन को समय की बर्बादी समझते हैं, जबकि यह आपके वर्कआउट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

डॉक्टर की चेतावनी: वार्म-अप आपकी मांसपेशियों और जोड़ों को आने वाले तनाव के लिए तैयार करता है, जिससे चोट का खतरा कम हो जाता है। वहीं, कूल-डाउन (स्ट्रेचिंग) आपकी मांसपेशियों को आराम देता है और उन्हें लचीला बनाए रखता है, जिससे अकड़न और दर्द की समस्या नहीं होती।

क्या करें: वर्कआउट से पहले 5-10 मिनट का वार्म-अप (जैसे जॉगिंग, जंपिंग जैक) और बाद में 5-10 मिनट की स्ट्रेचिंग को अपनी आदत बना लें।

 आराम के दिन (Rest Days) को दुश्मन समझना

जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में बहुत से लोग हफ्ते के सातों दिन जिम करते हैं। उन्हें लगता है कि एक भी दिन का आराम उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर देगा। यह एक बहुत बड़ा भ्रम है।

डॉक्टर की चेतावनी: आपकी मांसपेशियां जिम में नहीं, बल्कि आराम के दौरान बनती हैं। जब आप एक्सरसाइज करते हैं, तो आपकी मांसपेशियों के फाइबर टूटते हैं। आराम के दौरान शरीर इन फाइबर्स को पहले से ज्यादा मजबूत बनाता है। बिना आराम के शरीर को रिकवर होने का समय नहीं मिलता, जिससे चोट लगने की आशंका बढ़ जाती है।

क्या करें: अपनी फिटनेस रूटीन में कम से कम 1-2 दिन का पूरा आराम जरूर शामिल करें।

हर एक्सरसाइज हर किसी के लिए नहीं होती

सोशल मीडिया पर किसी बॉडी बिल्डर को एक मुश्किल एक्सरसाइज करते देखकर उसे कॉपी करने की कोशिश न करें। हर व्यक्ति का शरीर, उसकी क्षमता और उसकी सीमाएं अलग-अलग होती हैं।

डॉक्टर की चेतावनी: कुछ एक्सरसाइज, जैसे कि क्रॉसफिट या हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट, अगर बिना सही ट्रेनिंग के किए जाएं तो बहुत खतरनाक हो सकते हैं। यह आपके जोड़ों पर बहुत ज्यादा दबाव डालते हैं।

क्या करें: अपने शरीर की सुनें। वही एक्सरसाइज करें जो आपकी फिटनेस लेवल और लक्ष्यों के अनुकूल हो। धीरे-धीरे अपनी क्षमता बढ़ाएं, किसी और से होड़ न करें।

जिम जाना और फिट रहना एक बहुत अच्छी आदत है, लेकिन यह तभी तक फायदेमंद है जब तक इसे सही तरीके और समझदारी से किया जाए। आपका लक्ष्य सिर्फ 6 महीने के लिए बॉडी बनाना नहीं, बल्कि जिंदगी भर स्वस्थ और सक्रिय रहना होना चाहिए।

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