
भारतीय क्रिकेट टीम के युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ईशान किशन आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। क्रिकेट की दुनिया में अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और फुर्तीले विकेटकीपिंग के लिए मशहूर ईशान का सफर संघर्षों से भरा रहा है। बिहार के पटना से आने वाले ईशान को बचपन में क्रिकेट खेलने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, यहां तक कि उन्हें मैदान की फीस भरने के लिए बर्तन तक धोने पड़े।
ईशान किशन का जन्म 18 जुलाई 1998 को हुआ था। बचपन से ही उन्हें क्रिकेट का जुनून था, लेकिन संसाधनों की कमी उनके रास्ते में बार-बार बाधा बनी। ईशान के पिता, जो एक डॉक्टर हैं, ने हमेशा उनका समर्थन किया, लेकिन शुरुआती दिनों में सुविधाओं की कमी के कारण ईशान को झारखंड जाकर प्रशिक्षण लेना पड़ा।
झारखंड की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलते हुए ईशान ने धीरे-धीरे selectors का ध्यान अपनी ओर खींचा। उनकी मेहनत और आत्मविश्वास ने उन्हें 2016 अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी तक पहुंचाया। इसके बाद आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया, जिसने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया।
ईशान ने 2021 में भारत के लिए टी20 और वनडे में डेब्यू किया और पहले ही मैच में अर्धशतक जड़कर सभी का ध्यान खींचा। उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शैली और आत्मविश्वास ने उन्हें टीम इंडिया का स्थायी सदस्य बना दिया।
आज ईशान किशन उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों का पीछा नहीं छोड़ते। उनका सफर बताता है कि जुनून, मेहनत और समर्पण से कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है।
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