
बीते कुछ दिनों में इज़रायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। ईरान ने हाल ही में इज़रायल पर क्लस्टर मिसाइलों की बौछार की, जिसमें छोटे-छोटे बारूदी गोले आस-पास के इलाकों में बिखरते हैं। इज़रायली सेना ने इन मिसाइलों को “कई वारहेड्स वाले” बताया, जो नागरिक इलाकों के लिए ख़ास तौर पर घातक हैं ।
प्रमुख घटना स्थल:
19 जून को ईरान की मिसाइल ने बीरशीबा में सोरोका मेडिकल सेंटर को निशाना बनाया। अस्पताल का एक विंग प्रभावित हुआ, करीब 80 लोग घायल हुए और अस्पताल में भाग लेने वाले लोग सुरक्षित निकाल लिए गए ।
इज़रायल ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की। उसने ईरान के अराक, नतांज़, इस्फहान जैसे प्रमुख परमाणु और सैन्य प्रतिष्ठानों पर एयरस्ट्राइक की, जिसमें भारी नुकसान हुआ। ईरानी अधिकारियों के अनुसार इस हमले में अब तक 600 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए हैं ।
इससे पहले 13 जून को हुए संघर्ष में ईरान ने लगभग 150 से 180 बैलिस्टिक मिसाइल और 100 ड्रोन भी छोड़े थे, जिससे इज़रायल में लगभग 22 लोग घायल हुए थे ।
हिज़बुल्लाह की भागीदारी:
ईरान-समर्थित हिज़बुल्लाह ने इज़रायल के साथ ही मोर्चा संभाल लिया है। इसने सीरिया और लेबनॉन से इज़रायल पर रॉकेट दागे हैं और धमकी दी है कि अगर ईरान पर सैन्य हस्तक्षेप हुआ तो यह सक्रिय हो जाएगा ।
वैश्विक प्रतिक्रिया:
इज़रायल ने इस घटना को “युद्ध अपराध” करार दिया है। संयुक्त राज्य अमेरिका देर से निर्णय ले रहा है कि उसे हिस्सा लेना चाहिए या नहीं; राष्ट्रपति ट्रम्प के अनुसार दो सप्ताह में इस पर फैसला होगा । साथ ही यूरोप, रूस, चीन और संयुक्त राष्ट्र इस बढ़ते तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयास कर रहे हैं ।
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