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Up Kiran, Digital Desk: इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने एक बार फिर अपनी ताकत का परिचय दिया है। हाल ही में यमन की राजधानी सना में हुए एक गुप्त ऑपरेशन में हूती विद्रोहियों की शीर्ष नेतृत्व कमान को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। इस हमले में हूती सरकार के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, सेना प्रमुख और कई वरिष्ठ मंत्री मारे गए हैं। इस घटना ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के उस सपने को साकार कर दिया है, जिसमें वह ट्रिपल H यानी हमास, हिजबुल्ला और हूती विद्रोहियों के गठजोड़ को खत्म करना चाहते थे।

मोसाद की महीन तैयारी

मोसाद लंबे समय से इस ऑपरेशन की योजना बना रहा था। यमन में अपने गुप्त एजेंटों और तकनीकी नजरों के जरिए पता लगाया गया कि हूती नेतृत्व एक सरकारी भवन में इकट्ठा हुआ है। तुरंत इजरायल ने एफ-35 लड़ाकू विमानों को हमले के लिए रवाना किया तथा सटीक निशाने वाले हेरोन ड्रोन को भी कार्रवाई के काबू में रखा।

खुफिया अलर्ट पर तेज कार्रवाई

जब हूती नेताओं के मोबाइल और अन्य उपकरण एक साथ सक्रिय हुए, तो यह संकेत था कि वे एक महत्वपूर्ण बैठक में हैं। इसी समय एफ-35 विमानों की मिसाइलों ने उस इमारत को मलबे में तब्दील कर दिया। इसके अलावा, हेरोन ड्रोन ने दूसरी इमारत को निशाना बनाकर रक्षा मंत्री मुहम्मद नासिर अल अथाफी और सेना प्रमुख मुहम्मद अल गामरी को भी मार गिराया।

स्टेटस और राजनीतिक प्रभाव

हूती प्रधानमंत्री अहमद अल रहावी, जिन्हें दस महीने पहले पदस्थापित किया गया था, इस हमले में अपनी जान गंवा चुके हैं। वे हूती विद्रोहियों का प्रमुख राजनयिक चेहरा थे और ईरान, हिजबुल्ला तथा हमास के मजबूत गठजोड़ में उनकी अहम भूमिका थी। इसके अलावा, रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख दोनों दशकों से इजरायल के लिए चुनौती बने हुए थे।

हुती विद्रोहियों का पूर्व प्रभाव

हुती समूह ने पिछले समय में इजरायल पर मिसाइल हमले किए और लाल सागर में इजरायली जहाजों को टारगेट किया। इनके सुरक्षा नेटवर्क में ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड और हिजबुल्ला भी शामिल हैं, जिन्होंने कई बार इजरायल विरोधी अभियान चलाए थे।

मोसाद के ऑपरेशन ने क्षेत्रीय संतुलन बदला

यह ऑपरेशन इजरायली खुफिया एजेंसी की सटीक रणनीति और तकनीकी मजबूती का उदाहरण है। हुती नेताओं का विनाश समूह की कमर तोड़ने जैसा माना जा रहा है। इससे पूर्व, सेना प्रमुख पर दो महीने पहले भी एक बड़ा हमला हो चुका था, लेकिन वे बच गए थे।

हुती नेताओं की गुप्त बैठक

यमन की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष नेता एक इमारत में हूती प्रमुख अब्दुल-मालिक अल हुती के संदेश के दौरान एक बैठक कर रहे थे। अल हुती का आदेश समूह के लिए सर्वोच्च होता है और उनके निर्देश पूरे संगठन के कामकाज को प्रभावित करते हैं।

मोसाद का सटीक हमला

मोसाद को इकट्ठा हुयी टॉप कमान की मौजूदगी का पता चलते ही इजरायली सेना ने हरी झंडी दी। एफ-35 लड़ाकू विमानों और हेरोन ड्रोन ने मिलकर राजनीतिक और सैन्य दोनों ही नेतृत्व को चंद मिनटों में समाप्त कर दिया।

इस हमले के बाद यमन और मध्य पूर्व की राजनीति में नया तनाव पश्चात भविष्य के घटनाक्रम पर सभी की नजर बनी हुई है। मिडिल ईस्ट की इस जटिल जंग में यह कदम इजरायल की रणनीति की मजबूती का प्रतीक है, जो उसकी सुरक्षा चिंता को झकझोर रहा है।

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