
Up Kiran, Digital Desk: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पश्चिमी देशों को आतंकवाद के मुद्दे पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण और कड़ी चेतावनी दी है। ऑस्ट्रिया की यात्रा पर गए जयशंकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जो देश राजनीतिक सुविधा के लिए आतंकवाद को अनदेखा कर रहे हैं या उसे किसी न किसी बहाने से सही ठहरा रहे हैं, उन्हें भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
ऑस्ट्रिया के एक राष्ट्रीय मीडिया संगठन ORF को दिए साक्षात्कार में, जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद को एक 'राजनीतिक हथियार' के तौर पर देखना या यह सोचना कि इसका इस्तेमाल केवल किसी विशेष क्षेत्र या देश के खिलाफ किया जा सकता है, एक खतरनाक भ्रम है। उन्होंने खास तौर पर उन देशों की आलोचना की जो राज्य-प्रायोजित आतंकवाद से आंखें फेर लेते हैं, जबकि भारत जैसे देश लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का दंश झेल रहे हैं, जिसका स्पष्ट संदर्भ पाकिस्तान से था।
विदेश मंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि आतंकवाद से समझौता करने या उसे नजरअंदाज करने की नीति अपनाने वाले देशों को अंततः इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा, "यह तुम्हें भुगतना पड़ेगा" या "यह तुम्हें परेशान करने वापस आएगा" (विल कम बैक टू हॉन्ट यू), जिसका तात्पर्य यह है कि आतंकवाद की आग अंततः उन तक भी पहुंचेगी जो आज इसे दूर समझ रहे हैं।
जयशंकर का यह बयान ऐसे समय आया है जब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के प्रति दोहरे मापदंड अपनाने के आरोप लगते रहे हैं। उनका संदेश साफ है कि आतंकवाद का कोई 'अच्छा' या 'बुरा' रूप नहीं होता और इसे वैश्विक खतरा मानते हुए इसके खिलाफ एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई करने की आवश्यकता है। उन्होंने परोक्ष रूप से 9/11 जैसे हमलों का जिक्र कर यह दर्शाया कि आतंकवाद किसी भौगोलिक सीमा तक सीमित नहीं है और जो आज इसे अनदेखा कर रहे हैं, कल वे खुद इसका शिकार हो सकते हैं।
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