Up Kiran, Digital Desk: एशिया में बढ़ते तनाव और नॉर्थ कोरिया की लगातार धमकियों के बीच दक्षिण कोरिया ने एक ऐसा ऐलान कर दिया जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. दक्षिण कोरिया अब अपनी खुद की परमाणु-शक्ति से चलने वाली पनडुब्बी (Nuclear-Powered Submarine) बनाने जा रहा है. देश के नौसेना प्रमुख ने पुष्टि की है कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग एक दशक का समय लग सकता .
यह सिर्फ एक पनडुब्बी नहीं, एक 'गेम चेंजर' है!
यह समझना ज़रूरी है कि यह सिर्फ एक और हथियार बनाने की बात नहीं है. परमाणु पनडुब्बी किसी भी देश को बेहिसाब रणनीतिक ताकत देती . ये पनडुब्बियां महीनों तक समंदर की गहराई में छिपी रह सकती हैं और ज़रूरत पड़ने पर दुश्मन के इलाके में घुसकर परमाणु हमला भी कर सकती हैं. दक्षिण कोरिया का यह कदम उसे दुनिया के उन चुनिंदा और शक्तिशाली देशों की लिस्ट में खड़ा कर देगा, जिनके पास यह टेक्नोलॉजी .
क्यों उठाना पड़ा यह बड़ा कदम?
इस फैसले की सबसे बड़ी वजह पड़ोसी देश नॉर्थ कोरिया का बढ़ता खतरा है. नॉर्थ कोरिया लगातार अपनी मिसाइलों और परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहा . ऐसे में, दक्षिण कोरिया अपनी सुरक्षा के लिए सिर्फ अमेरिका जैसे सहयोगियों पर निर्भर नहीं रहना चाहता. यह पनडुब्बी दक्षिण कोरिया को आत्मनिर्भर बनाएगी और उसे दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब देने की ताकत देगी.
हालांकि, नौसेना प्रमुख यांग योंग-मो ने माना कि इसकी राह आसान नहीं है. पनडुब्बी के लिए परमाणु ईंधन (Enriched Uranium) हासिल करना और इसे बनाने की टेक्नोलॉजी जुटाना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी चुनौती होगी. लेकिन यह ऐलान साफ़ करता कि दक्षिण कोरिया अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार.
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