
Up Kiran, Digital Desk: भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है, और INDIA गठबंधन ने एक मजबूत संदेश देते हुए पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी (B. Sudershan Reddy) को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार, 19 अगस्त को यह घोषणा की, जिसे विपक्षी गठबंधन द्वारा एक साझा उम्मीदवार को मैदान में उतारने के गहन मंथन का परिणाम बताया जा रहा है।
"लोकतंत्र के लिए बड़ी उपलब्धि": खड़गे ने जताई खुशी
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "सभी INDIA गठबंधन दलों ने एक साझा उम्मीदवार रखने का फैसला किया है, यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है। मुझे खुशी है कि सभी विपक्षी दलों ने एक नाम पर सहमति जताई है। यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।"
यह घोषणा तब आई है जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अनुभवी भाजपा नेता और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) को देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना है।
गंभीर मुकाबला या महज़ औपचारिकता? INDIA गठबंधन का मजबूत इरादा
विपक्ष द्वारा जस्टिस रेड्डी, जिन्हें "भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों" में से एक बताया गया है, को चुनना एक स्पष्ट संकेत है कि वे इस चुनाव को सत्ताधारी गठबंधन के लिए महज़ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक गंभीर मुकाबला बनाना चाहते हैं।
चुनाव की तारीखें और नामांकन प्रक्रिया
जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के पिछले महीने इस्तीफा देने के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव आवश्यक हो गया है। यह चुनाव 9 सितंबर को होगा, जबकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 22 अगस्त निर्धारित की गई है।
बी. सुदर्शन रेड्डी: एक संक्षिप्त परिचय
बी. सुदर्शन रेड्डी (जन्म 8 जुलाई 1946) भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं और गोवा के पहले लोकायुक्त (Lokayukta) भी थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में रिट और सिविल मामलों में अपनी प्रैक्टिस स्थापित की, और बाद में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश तथा गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। 12 जनवरी 2007 को उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया, जहाँ से वे 8 जुलाई 2011 को सेवानिवृत्त हुए।
सेवानिवृत्ति के बाद भी, जस्टिस रेड्डी ने तेलंगाना सरकार द्वारा गठित स्वतंत्र विशेषज्ञ कार्य समूह (IEWG) की अध्यक्षता की, जिसने जातिगत जनगणना के बाद ओबीसी कल्याण के लिए रणनीतियाँ तैयार कीं। उनकी रिपोर्ट ने कांग्रेस सरकार के सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण को वैज्ञानिक और विश्वसनीय बताया, और इसे पूरे देश के लिए एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया।
TDP और YSRCP के लिए दुविधा की स्थिति
विपक्ष की यह चाल TDP और YSRCP के लिए एक नाजुक स्थिति पैदा कर सकती है, खासकर आंध्र प्रदेश से जस्टिस रेड्डी की पृष्ठभूमि को देखते हुए। हालांकि, इन दलों ने पहले ही NDA उम्मीदवार CP राधाकृष्णन का समर्थन करने की घोषणा की है, जिससे यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे अपने वादे पर कायम रहते हैं या INDIA गठबंधन के उम्मीदवार का समर्थन करते हैं।
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