
Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली की उन हज़ारों महिलाओं के लिए एक बहुत अच्छी खबर है जो स्वयं सहायता समूहों (Self-Help Groups) से जुड़कर हाथ से बने खूबसूरत सामान बनाती हैं. अब उन्हें अपना सामान बेचने के लिए मेलों या प्रदर्शनियों का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. दिल्ली सरकार जल्द ही शहर में ख़ास 'सहकारी स्टोर' खोलने की योजना बना रही है, जहाँ इन महिलाओं के बनाए गए उत्पादों को बेचा जाएगा.
दिल्ली के समाज कल्याण और एससी/एसटी मंत्री, राज कुमार आनंद ने बताया कि सरकार का मकसद इन महिलाओं को एक बड़ा और स्थायी बाज़ार देना है, ताकि उनकी मेहनत का सही फल मिल सके.
अभी तक ये स्वयं सहायता समूह, जो राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) के तहत चलाए जाते हैं, अपना सामान मेलों, प्रदर्शनियों या फिर सरकारी दफ्तरों में छोटे-मोटे स्टॉल लगाकर ही बेच पाते थे. इससे उन्हें साल भर नियमित आमदनी नहीं हो पाती थी.
मंत्री राज कुमार आनंद ने कहा, "हम इन स्वयं सहायता समूहों के लिए एक बड़ी योजना पर काम कर रहे हैं. हम सहकारी स्टोर खोलने की योजना बना रहे हैं, जहाँ उनके बनाए गए उत्पादों को बेचा जा सके. इससे उन्हें अपने सामान के लिए एक अच्छा बाज़ार मिलेगा और वे आर्थिक रूप से और भी आत्मनिर्भर बनेंगी."
सरकार की योजना है कि ऐसे स्टोर हर जिले में खोले जाएं, ताकि इन महिलाओं द्वारा बनाए गए सजावटी सामान, कपड़े, मसाले और खाने-पीने की चीज़ों को आसानी से ग्राहकों तक पहुँचाया जा सके. इस कदम से न सिर्फ इन समूहों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि उनके उत्पादों को एक नई पहचान भी मिलेगी.
यह फैसला दिल्ली सरकार की उस कोशिश का हिस्सा है, जिसके तहत वह महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना चाहती है और छोटे स्तर पर काम करने वाले समूहों को आगे बढ़ने में मदद करना चाहती है.