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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) ने गुरुवार रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली स्थित उनके आवास से गिरफ़्तार कर लिया है। दिल्ली के सीएम इस समय ईडी की कस्टडी में हैं और उनसे पूंछताछ चल रही है। PMLA कोर्ट में आज उनकी पेशी भी होनी है। लेकिन लोकसभा चुनाव के ऐन वक्त पर आम आदमी पार्टी के सरबराह और दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद केंद्र सरकार और बीजेपी खहसताउर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठ रहे हैं। फिलहाल देश में इस समय जो कुछ भी हो रहा है, उसके नतीजे दूरगामी होंगे।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी के प्रमुख की गिरफ़्तारी को लेकर पूरे देश में सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर राजनितिक एवं सामजिक चिंतकों, पत्रकारों, राजनीतिज्ञों, अधिवक्ताओं और आम लोगों के बीच लोकतंत्र को लेकर गंभीर विमर्श हो रहा है। इन तबकों के जिम्मेदार लोगों को देश में लोकतंत्र की सलामती की चिंता सता रही है। तमाम जानकार केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनावी बॉन्ड्स से भी जोड़कर देख रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर लिखा कि डरा हुआ तानाशाह, एक मरा हुआ लोकतंत्र बनाना चाहता है। मीडिया समेत सभी संस्थाओं पर कब्ज़ा, पार्टियों को तोड़ना, कंपनियों से हफ्ता वसूली, मुख्य विपक्षी दल का अकाउंट फ्रीज़ करना भी ‘असुरी शक्ति’ के लिए कम था, तो अब चुने हुए मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी भी आम बात हो गई है। INDIA इसका मुंहतोड़ जवाब देगा।

स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेन्द्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म x पर लिखा कि राजनीतिक सहमति असहमति अपनी जगह है, लेकिन लोकतांत्रिक मर्यादा सर्वोपरि है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी इस मर्यादा का चीरहरण है। योगेन्द्र यादव ने आगे लिखा कि इस हिसाब से तो इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले में पूरी केंद्रीय कैबिनेट को जेल में होना चाहिए। लोकतंत्र में आस्था रखने वाले हर भारतीय को इसके विरोध में खड़ा होना चाहिए।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मैं जनता द्वारा चुने गए दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती हूं। मैंने अपना अटूट समर्थन और एकजुटता बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से श्रीमती सुनीता केजरीवाल से संपर्क किया है। यह अपमानजनक है कि निर्वाचित विपक्षी मुख्यमंत्रियों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और गिरफ्तार किया जा रहा है, जबकि सीबीआई / ईडी जांच के तहत आरोपी व्यक्तियों को अपने कदाचार जारी रखने की अनुमति दी जा रही है, खासकर बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बाद। यह सरासर लोकतंत्र पर हमला है।  

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