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Up Kiran , Digital Desk: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित भारतीय वन सेवा (IFS) परीक्षा का अंतिम परिणाम सोमवार को जारी कर दिया गया। इस परिणाम ने बिहार के फारबिसगंज अनुमंडल के एक छोटे से गांव परवाहा को राष्ट्रीय मानचित्र पर एक नई पहचान दी है। गांव के होनहार छात्र किसलय झा ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में देशभर में 44वीं रैंक हासिल कर परवाहा फारबिसगंज और अररिया जिले का नाम रोशन कर दिया है।
सफलता की इस ऊँचाई को छूने वाले किसलय झा ने अपनी उपलब्धि का श्रेय माता-पिता परिवार और शिक्षकों को दिया है। उन्होंने कहा “मेरे माता-पिता और गुरुजनों ने हर कदम पर सकारात्मक सोच के साथ मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। आज जो कुछ भी हूं उन्हीं के सहयोग और विश्वास का नतीजा है।”
किसलय के पिता विशुद्धानंद झा दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर हैं जबकि उनकी मां सोनी झा एक गृहिणी हैं। परिवार में शिक्षा और सेवा की मजबूत नींव रही है। किसलय के चाचा विवेकानंद झा कस्टम विभाग के पूर्व उपायुक्त और जीएसटी अधिकारी रह चुके हैं। वहीं विद्यानंद झा श्रीनगर अंचल में अंचलाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।
परिवार में यह दूसरी बड़ी उपलब्धि है — किसलय की बहन अदिति झा वर्ष 2023 से विश्व की सबसे बड़ी बैंक जेपी मॉर्गन में इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं। यह परिवार आज कई युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।
एनसीईआरटी और अनुशासित अध्ययन है सफलता की कुंजी
किसलय ने सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं को स्पष्ट संदेश दिया – “NCERT की किताबों से सिलेबस के अनुसार गहराई से अध्ययन करें। बुनियादी समझ मजबूत हो तो कोई भी परीक्षा कठिन नहीं लगती।” उन्होंने सटीक रणनीति आत्मविश्वास और धैर्य को इस परीक्षा में सफलता की मुख्य कुंजी बताया।
गांव में जश्न का माहौल नेताओं और समाजसेवियों ने दी बधाई
परवाहा गांव में किसलय की सफलता के बाद उत्सव जैसा माहौल है। हर गली हर चौक पर चर्चा है – “हमारे गांव का बेटा अब भारतीय वन सेवा का अधिकारी बन गया!” पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण मेहता शिक्षाविद् डॉ हरेंद्र मिश्र समाजसेवी अनूप जायसवाल मायानंद ठाकुर सुभाष मिश्र दिलीप पटेल इन्द्रकांत ठाकुर अविनाश आनंद आयुष अग्रवाल क्रांति कुँवर कलपु केसरी पुण्यानंद मंडल रंजीत शर्मा परमानंद मंडल समेत दर्जनों लोगों ने किसलय को शुभकामनाएं देते हुए इसे परवाहा की नई पहचान बताया।
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