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बीमाधारक की मृत्यु के बाद बीमा कंपनी पॉलिसी कागजों के मुताबिक जीवन बीमा लाभ का पेमेंट पॉलिसीधारक के नामिनी व्यक्ति को करती है, जब कोई बीमा कंपनी नामांकित व्यक्ति को बीमित राशि और अन्य फायदों का पेमेंट करती है, तो इसे दावा निपटान कहा जाता है। कंपनियों को 30 दिनों के भीतर क्लेम (insurance claim) सेटल करना होगा। आइए जानते हैं बीमाधारक की मृत्यु के बाद क्लेम कैसे करें।

क्या है मांग?

एक्सीडेंटल डेथ के मामले में कंपनी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और एफआईआर की कॉपी मांग सकती है।

क्लेम कैसे करें?

बीमित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र, मूल पॉलिसी दस्तावेज जमा करने होंगे। साथ ही, यदि बीमा कंपनी को अन्य दस्तावेजों की जरुरत होती है, तो उन्हें प्रदान करना होगा। पॉलिसी जारी होने के तीन साल के अंदर किए गए मौत के दावों के संदेह के मामले में बीमा कंपनियां दावे की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए एक स्वतंत्र जांच कर सकती हैं।

मृत्यु के मामले में, नामांकित व्यक्ति को पहले अपनी जीवन बीमा कंपनी को मृत्यु की सूचना देनी चाहिए। मौत के दावेदारों को एक विस्तृत फॉर्म भरना होता है। इसमें बीमाधारक का नाम, पॉलिसी नंबर, मौत का कारण, मौत की तारीख, मौत की जगह, दावेदार का नाम जैसी जानकारियां देनी होती हैं। आप इस फॉर्म को बीमा कंपनी की वेबसाइट पर प्राप्त कर सकते हैं।

 

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