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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर NDA के खेमे से बड़ी खबर आ गई है। गठबंधन में सीटों का बँटवारा आखिरकार फाइनल हो गया है। रविवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऐलान किया कि 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में बीजेपी और जनता दल-यूनाइटेड (JDU), दोनों ही पार्टियां 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।

समझौते के तहत, गठबंधन के बाकी साथियों की भी सीटें तय हो गई हैं। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के हिस्से में 29 सीटें आई हैं। वहीं, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM), दोनों को 6-6 सीटें दी गई हैं।

धर्मेंद्र प्रधान, जो बिहार चुनाव के लिए बीजेपी के प्रभारी भी हैं, ने बताया कि NDA के सभी सहयोगियों के बीच सीटों का यह बँटवारा बेहद अच्छे और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुआ है। उन्होंने ट्वीट किया, "NDA के सहयोगियों ने सौहार्दपूर्ण माहौल में सीटों का वितरण पूरा कर लिया है। NDA के सभी कार्यकर्ता और नेता इसका गर्मजोशी से स्वागत करते हैं। बिहार तैयार है और एक बार फिर NDA की सरकार बनेगी।"

इस घोषणा ने फिलहाल NDA के अंदर चल रही सीटों की खींचतान पर विराम लगा दिया है। खासकर जीतन राम मांझी की पार्टी HAM और उपेंद्र कुशवाहा की RLM की तरफ से नाराज़गी की खबरें आ रही थीं और वे अकेले चुनाव में जाने की धमकी भी दे रहे थे।

सूत्रों के मुताबिक, मांझी हाल ही में हुई बातचीत से खुश नहीं थे और उन्हें जो फ़ॉर्मूला दिया गया था, उसे उन्होंने शुरू में ठुकरा दिया था। HAM कम से
कम 15 सीटों की मांग कर रही थी, जबकि उन्हें कथित तौर पर सिर्फ 7-8 सीटें ही ऑफर की जा रही थीं।

लेकिन, रविवार को दिल्ली में बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद मांझी सीटों के इस फ़ॉर्मूले पर राज़ी हो गए। अब यह साफ़ हो गया है कि HAM 6 सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी। खबर यह भी है कि समझौते के तहत, HAM को भविष्य में एक MLC सीट भी दी जा सकती है।

इससे पहले मांझी ने यह भी कहा था कि अगर उन्हें "सम्मानजनक" संख्या में सीटें नहीं मिलती हैं, तो उनकी पार्टी चुनाव से बाहर रहना पसंद करेगी। हालांकि, अब सब कुछ तय होने के बाद मांझी पटना लौट गए हैं।