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Minimum Balance: हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी कि सरकारी बैंकों ने मिनिमम बैलेंस न रखने पर अपने ग्राहकों से सामूहिक रूप से लगभग 8,495 करोड़ रुपये वसूले हैं। इस खबर ने खूब सुर्खियां बटोरीं। आपको बता दें कि देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक (एसबीआई) पिछले कुछ सालों से मिनिमम बैलेंस न रखने पर कोई शुल्क नहीं ले रहा है। कई अन्य सरकारी बैंक इस तरह के शुल्क वसूलते रहते हैं। इनमें पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा 1,538 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है। यहां मिनिमम बैलेंस न रखने पर विभिन्न बैंकों द्वारा लगाए गए शुल्कों का ब्यौरा दिया गया है।

मिनिमम बैलेंस पर SBI कितना चार्ज करता है

साल 2020 से एसबीआई ने बचत खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए नहीं रखने पर कोई शुल्क नहीं लगाया है।

आईसीआईसीआई बैंक

इस बैंक में आवश्यक न्यूनतम शेष राशि 5000 रुपये है। इसे बनाए न रखने पर 100 रुपये + आवश्यक न्यूनतम औसत शेष राशि (एमएबी) में कमी का 5% जुर्माना लगाया जाता है।

एचडीएफसी बैंक

एचडीएफसी बैंक के लिए औसत मासिक बैलेंस की आवश्यकता मेट्रो और शहरी क्षेत्रों के लिए 10,000 रुपये या एक साल और एक दिन की एफडी के लिए 1 लाख रुपये है। अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए, नियम एक साल और एक दिन की एफडी के लिए 5,000 रुपये या 50,000 रुपये है। इस नियम को बनाए रखने में विफल रहने पर औसत शेष राशि में कमी का 6% या 600 रुपये (जो भी कम हो) का जुर्माना लगता है।

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी)

खाते में न्यूनतम शेष राशि न बनाए रखने पर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 400 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए 500 रुपये और शहरी/मेट्रो क्षेत्रों के लिए 600 रुपये का जुर्माना है।

यस बैंक

कोई न्यूनतम शेष राशि शुल्क नहीं लगाया जाता है।

एक्सिस बैंक

बेसिक सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस न रखने पर कोई चार्ज नहीं लगता है। वहीं, मेट्रो और शहरी इलाकों में 600 से 50 रुपये, अर्ध शहरी इलाकों में 300 से 50 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 150 से 75 रुपये तक का जुर्माना लगता है।

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