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युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय वैलेंटाइन वीक इस समय चल रहा है. 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है. ये प्यार का इजहार करने का दिन है. इस दिन युवा अपने चाहने वालों को गुलाब का फूल और तोहफे देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं। इस दिन, संदेश, उपहार, प्रेम पत्र या ग्रीटिंग कार्ड दिल के प्रतीक का इस्तेमाल करते हैं। हार्ट सिंबल को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। मगर इस प्रतीक को प्रतीक मानने का वास्तव में क्या कारण है?

प्यार का इजहार करने के लिए दिल का प्रतीक क्यों इस्तेमाल किया जाता है? शरीर में अन्य अंग होने पर हृदय से संबंधित इस चिन्ह का उपयोग करने का क्या कारण है? आपके मन में कई सवाल उठे होंगे कि प्यार के लिए वाकई दिल की जरूरत होती है या दिमाग काम कर सकता है।

ए बायोग्राफी ऑफ द ह्यूमन हार्ट के लेखक थॉमस और स्टीफन एमिडॉन से दिल और प्रतीकवाद के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने की कोशिश की। एक वेबसाइट ने इस विषय पर जानकारी दी है।

दिल शरीर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। पूरा शरीर हृदय पर निर्भर करता है। प्रेम में हृदय का भी महत्वपूर्ण स्थान है। हम प्यार का इजहार करने के लिए दिल के प्रतीक का उपयोग करते हैं। इस राशि को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। मानव शरीर में, हृदय सभी अंगों को रक्त पंप करता है। दिल हर सेकंड धड़कता है। यदि आप 70 वर्ष की आयु तक जीवित रहते हैं, तो इस अवधि के दौरान आपका दिल लगभग दो अरब बार धड़क चुका होगा।

कई अलग अलग है कारण

लेखक थॉमस और स्टीफन एमिडॉन प्यार का इजहार करने के लिए दिल के प्रतीक का उपयोग करने का कारण बताते हैं। उनका कहना है कि प्यार और अन्य भावनाएं वास्तव में मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होती हैं। उनका हृदय से कोई संबंध नहीं है। मस्तिष्क का वह भाग जो इन भावनाओं को नियंत्रित करता है, अमिगडाला कहलाता है। लोग दिल को हिस्से में प्यार जैसी तीव्र भावनाओं से जोड़ते हैं क्योंकि जब हम किसी को देखते हैं तो उत्तेजित हो जाते हैं, तो हमारा दिल कभी-कभी तेजी से धड़कता है और हमारा ध्यान दिल की धड़कन की ओर खिंच जाता है। मगर इस वक्त हमारे दिमाग में क्या चल रहा है, इसकी जानकारी हमें नहीं होती।

वास्तव में कोई नहीं जानता कि प्यार का इजहार करने के लिए दिल का प्रतीक कहां से आया। मगर इस चिन्ह से जुड़े कुछ सिद्धांत हैं। इन सिद्धांतों में से एक यह है कि दिल का आकार सिल्फ़ियम नामक विलुप्त पौधे की पत्ती के आकार से आता है। इस पौधे को रोमन काल में प्रेम औषधि में एक प्रमुख घटक माना जाता था।
 

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