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UP News: भारत के चुनाव आयोग ने यूपी की नौ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है, मगर अयोध्या की मिल्कीपुर सीट का भाग्य अधर में लटका दिया है। इस साल की शुरुआत में हुए आम चुनावों में भाजपा ने फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट खो दी थी, इसलिए सभी की निगाहें मिल्कीपुर सीट पर चुनाव पर टिकी थीं, जो फैजाबाद सीट से लोकसभा के लिए चुने गए अवधेश प्रसाद द्वारा खाली की गई थी। इससे समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को भाजपा सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल गया। यादव ने एक्स से कहा, "जिसने भी युद्ध को टाल दिया, वह समझो युद्ध हार गया।"

मिल्कीपुर सीट के लिए मतदान की तारीख क्यों नहीं तय?

हालांकि, लोग ये जानने को उत्सुक थे कि चुनाव आयोग ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट को चुनाव कार्यक्रम में क्यों शामिल नहीं किया। आपको बता दें कि 2022 में जब अवधेश प्रसाद ने सीट जीती थी, तो हारने वाले उम्मीदवार बाबा गोरखनाथ ने यह कहते हुए परिणाम को चुनौती दी थी कि प्रसाद ने चुनाव आयोग के पास वैध दस्तावेज जमा नहीं किए थे। मिल्कीपुर चुनाव तिथि के सवाल का जवाब देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि उक्त सीट के लिए तिथि की घोषणा नहीं की गई क्योंकि यह चुनाव याचिका के अधीन थी।

मतदान का रास्ता साफ

चूंकि प्रसाद अब इस सीट से विधायक नहीं हैं, इसलिए बाबा गोरखनाथ के अधिवक्ता ने बयान जारी कर कहा है कि वे अगले दो-तीन दिनों में अपनी चुनाव याचिका वापस ले लेंगे। याचिका वापस होते ही मिल्कीपुर उपचुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा।

ईसीआई के अनुसार, नौ विधानसभा सीटों के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा, वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। सीटें कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझावां हैं। (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज), और कुंदरकी (मुरादाबाद)। 

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