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Up Kiran, Digital Desk: मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री और दाखिल-खारिज पर रोक लगाने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। कुढ़नी में स्वास्थ्य उपकेंद्र, खासमहाल, मठ-मंदिर की जमीन के बाद अब कांटी में कृषि विभाग की भूमि के कथित सौदे का मामला उजागर हुआ है।

एनएचएआई की जमीन पर पक्के घर

मुशहरी अंचल की स्थिति और भी चिंताजनक है। यहां राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की जमीन खुलेआम बिक रही है और उसका दाखिल-खारिज भी हो रहा है। अतरदह मौजे से लेकर रामदयालु और कच्ची-पक्की मार्ग तक बड़ी संख्या में लोगों ने भूमि पर न सिर्फ कब्जा कर लिया, बल्कि मकान और कॉम्प्लेक्स भी खड़े कर दिए हैं।

कई शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं

एनएचएआई के परियोजना निदेशक आशुतोष सिन्हा ने डीएम सुब्रत कुमार सेन को ताजा पत्र भेजकर स्थिति की गंभीरता बताई है। इसमें कहा गया है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद जमीन की बिक्री पर रोक नहीं लग पाई है। यहां तक कि अंचलाधिकारी स्तर से भी दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी कर दी जा रही है।

फोरलेन परियोजना खतरे में

अतिक्रमण का यह सिलसिला राष्ट्रीय राजमार्ग-28 के मुजफ्फरपुर से बरौनी खंड को फोरलेन बनाने की परियोजना पर संकट खड़ा कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस क्षेत्र की पूरी जमीन विकास कार्य के लिए आवश्यक है। लेकिन अवैध कब्जे और बिक्री से योजना बाधित हो सकती है।

पुरानी जमीन पर नया खेल

जानकारी के मुताबिक, 1963-64 के दौरान ही इस पूरी जमीन का अधिग्रहण एनएच निर्माण के लिए किया गया था और सभी रैयतों को मुआवजा भी दिया जा चुका था। बावजूद इसके, स्थानीय भू-माफिया ने सड़क किनारे लेफ्ट ओवर पड़ी जमीन के टुकड़ों को बेचने का धंधा शुरू कर दिया। कई जगह बहुमंजिला व्यापारिक परिसर भी खड़े कर दिए गए हैं।

प्रशासन की उदासीनता

परियोजना निदेशक ने फरवरी माह में भी अतिक्रमणकारियों की तस्वीरें भेजकर कार्रवाई की अपील की थी, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए। इस पर मुशहरी के सीओ महेंद्र प्रताप शुक्ला ने बयान दिया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है, हालांकि अब इसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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