img

बिहार में धार्मिक न्यास की जमीनों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है कि राज्य के 18 जिलों में मठ-मंदिरों की जमीनें अवैध तरीके से बेची जा रही हैं। मुजफ्फरपुर से लेकर भागलपुर, पटना से नालंदा तक इन पवित्र स्थलों की संपत्ति पर भूमि माफिया और कुछ अफसरों की मिलीभगत से सेंध लगाई जा रही है। सरकार के बार-बार निर्देशों के बावजूद न तो इन जमीनों का रिकॉर्ड ऑनलाइन अपलोड हुआ है, न ही बिक्री पर रोक लगी है। ये प्रकरण अब विधानसभा और विधान परिषद में भी गूंज रहा है, मगर जिला प्रशासन की लापरवाही ने इसे और गंभीर बना दिया है।

इन 18 जिलों में फैला जाल

जहानाबाद, चंपारण वेस्ट, शेख पुरा, चंपारण ईस्ट, नालंदा, लखीसराय, शिवहर, भोजपुर, पट ना, मुंगेर, खगड़ि या, रोहतास, मधुबनी, मुजफ्फर पुर, भागल पुर, कैमूर, दरभंगा और अरवल। इन 18 जिलों में मठ-मंदिरों की जमीनों की अवैध बिक्री का मामला उजागर हुआ है। विधि विभाग ने सभी जिला मजिस्ट्रेट्स को तीन हफ्ते में इन संपत्तियों का पूरा ब्योरा ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने का सख्त आदेश दिया था।

साथ ही ऐसी बिक्री पर तत्काल रोक लगाने और दोषियों पर कार्रवाई की हिदायत दी गई थी। मगर मुख्य सचिव की हालिया समीक्षा में खुलासा हुआ कि इन 18 जिलों ने अब तक कोई गंभीर कदम नहीं उठाया।

भूमि माफिया और अफसरों की सांठगांठ

जांच में सामने आया है कि भूमि माफिया और कुछ भ्रष्ट अफसरों की मिलीभगत से ये खेल चल रहा है। मुजफ्फरपुर में ही 89 मठ-मंदिरों की जमीनें चिह्नित की गई हैं, मगर इनका कोई रिकॉर्ड ऑनलाइन नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, नकली दस्तावेजों और गलत तरीकों से इन जमीनों की बिक्री की जा रही है। विधि विभाग के उपसचिव ने सभी आयुक्तों और जिला अफसरों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ जमीन की चोरी नहीं, बल्कि हमारी धार्मिक विरासत पर हमला है। अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।