
Up Kiran, Digital Desk: ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ संभावित टैरिफ वार्ता को सीधे तौर पर खारिज कर दिया है. लूला ने स्पष्ट किया कि वह टैरिफ को लेकर ट्रंप से नहीं, बल्कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे.
लूला का 'बड़ा बयान': ट्रंप से नहीं, मोदी-जिनपिंग से होगी बात! क्या अमेरिका को लगेगा झटका?
ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बयान में संकेत दिया कि अगर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो दोबारा सत्ता में आने की कोशिश कर रहे हैं, ब्राजील के आयात पर टैरिफ लगाने का प्रयास करते हैं, तो वह उनसे सीधे बात नहीं करेंगे. इसके बजाय, लूला ने स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क करेंगे. यह बयान ऐसे समय आया है जब वैश्विक व्यापार नीतियां और अंतर्राष्ट्रीय संबंध तेजी से बदल रहे हैं.
लूला का यह रुख ब्राजील की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है, खासकर अगर ट्रंप 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करते हैं. ट्रंप ने पहले अपने प्रशासन के दौरान ब्राजील के इस्पात और एल्यूमीनियम के आयात पर टैरिफ लगाए थे, जिससे दोनों देशों के व्यापार संबंधों में तनाव पैदा हो गया था.
ट्रंप की 'टैरिफ नीति' पर लूला का करारा जवाब! क्या ब्रिक्स देश अब दिखाएंगे अपनी ताकत?
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, लूला ने कहा, "अगर ट्रंप 2024 का चुनाव जीतते हैं और ब्राजील के आयात पर टैरिफ लगाने की सोचते हैं, तो मैं डोनाल्ड ट्रंप से बात नहीं करूंगा. मैं इस मुद्दे पर शी जिनपिंग और पीएम मोदी से बात करूंगा. मैं वैश्विक व्यापार संबंधों में दक्षिण-दक्षिण सहयोग और ब्रिक्स देशों के महत्व को रेखांकित करना चाहता हूं." लूला का यह बयान ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के बढ़ते प्रभाव और वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को नया आकार देने की उनकी इच्छा को भी दर्शाता है.
ब्राजील के राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि दुनिया में बहुध्रुवीयता (Multipolarity) बढ़ रही है, और अब कुछ ही शक्तिशाली देशों का प्रभुत्व नहीं रहा है. उन्होंने संकेत दिया कि अगर अमेरिका व्यापार संरक्षणवाद की नीति अपनाता है, तो ब्राजील जैसे देश अपने व्यापारिक साझेदारों को विविधीकृत करने और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के साथ गहरे संबंध बनाने में संकोच नहीं करेंगे. यह बयान भविष्य में संभावित व्यापार युद्धों की ओर इशारा करता है और दिखाता है कि विकासशील देश अब विकसित देशों के एकतरफा फैसलों को आसानी से स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं.
क्या यह 'नए विश्व व्यवस्था' की शुरुआत है? लूला का बयान बदल सकता है भू-राजनीति!
यह घटनाक्रम निश्चित रूप से आगामी अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों और व्यापार वार्ताओं में एक प्रमुख मुद्दा बन जाएगा. लूला के इस बयान से अमेरिका-ब्राजील संबंधों पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा, खासकर अगर डोनाल्ड ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं. यह चीन और भारत के साथ ब्राजील के संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक स्पष्ट संकेत है, जो ब्रिक्स ब्लॉक के भीतर सहयोग को बढ़ावा दे सकता है.
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