img

Israel Hamas war: इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) हमास के लोगों को खत्म करने के लिए एक कठोर अभियान में लगे हुए हैं। हमास और इजरायल के बीच नौ महीने तक संघर्ष चला है, लेकिन दोनों पक्ष पूरी तरह से पीछे नहीं हटे हैं। इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने एक अस्थायी युद्धविराम पर विचार करने का सुझाव दिया है, लेकिन लड़ाई तब तक नहीं रुकेगी जब तक कि इसके दोनों मकसद पूरे नहीं हो जाते: हमास का खात्मा और इजरायली कैदियों की रिहाई।

गाजा और राफा शहरों में अपने अभियानों के दौरान इजरायली सेना ने न केवल आतंकवादियों के विरूद्ध बल्कि निर्दोष फिलिस्तीनियों के खिलाफ भी अत्याचार किए हैं। हाल ही में दो फिलिस्तीनी युवक मुजाहिद अबादी बालासा और 23 वर्षीय समीर आईडीएफ की क्रूरता के शिकार हुए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों ने अस्पताल में भर्ती होने के दौरान खुलासा किया कि इजरायली सेना ने उनके साथ कितनी क्रूरता से पेश आया। उन्होंने खुलासा किया कि कुछ दिन पहले आईडीएफ सैनिकों ने उनके साथ ऐसा ही व्यवहार किया था।

रिपोर्ट के अनुसार, आईडीएफ बलों ने जेनिन के बाहर जबरियात पड़ोस के निवासियों के सामने दोनों युवकों को एक कार के बोनट पर घुमाया, जहां ऑपरेशन चल रहा था। समीर ने बताया कि आईडीएफ के जवानों ने पीछे से उसके पैर में गोली मारी, जिससे वह जमीन पर गिर पड़ा और बहुत खून बहने लगा। उसकी हालत के बावजूद जवानों ने उसे लात-घूंसों और मुक्कों से पीटना जारी रखा। बाद में उन्होंने जबरन उसकी पैंट उतार दी और उसे कार के बोनट पर बगैर कपड़ों के लिटा दिया।
 

--Advertisement--