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Up Kiran, Digital Desk: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर वायरल हो रहा एक वीडियो ने फिर से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया है। इस वीडियो में एक पाकिस्तानी मौलवी (मौलाना) अपने बेटे के साथ बैठकर एक विवादास्पद बयान देता हुआ दिखाई दे रहा है। मौलवी का कहना है कि अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ युद्ध जीतता है, तो वह "माधुरी दीक्षित को ले जाएगा"। यह टिप्पणी ना केवल अश्लील थी, बल्कि इसके लैंगिकवादी निहितार्थ और गलत राष्ट्रवाद को लेकर तीखी आलोचना भी की गई है।
यह बयान कितना संवेदनशील था?
इस वीडियो की संवेदनशीलता कई कारणों से बढ़ जाती है। सबसे पहले, यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव फिर से चरम पर है, खासकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे। यह टिप्पणी उस स्थिति में आई है जब दोनों देशों के रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं, और किसी भी प्रकार की असंवेदनशील बात से केवल मसला बढ़ता है।
This maulana wants to take Madhuri Dixit after Pakistan attacks India . This is their level of filth which came to them after years of turning the pages of Aasmani ???? #IndiaPakistanWar #PahalgamTerrorAttack pic.twitter.com/cZ5oaHWuuz
— Amitabh Chaudhary (@MithilaWaala) May 6, 2025
मौलवी का बयान न केवल एक संवेदनशील मुद्दे को हल्के-फुल्के तरीके से पेश करता है, बल्कि यह राष्ट्रवाद और युद्ध जैसे गंभीर मुद्दों पर असंवेदनशीलता का भी उदाहरण प्रस्तुत करता है। वह इसे एक मजाक में बदलते हुए एक भारतीय अभिनेत्री के नाम का उल्लेख करते हैं, जो खुद एक जानी-मानी और सम्मानित हस्ती हैं। यह न केवल अनैतिक है, बल्कि इसके अश्लील लहजे ने इसे और भी विवादास्पद बना दिया है।
1999 का कारगिल युद्ध और भारत की विजय
भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी पूर्ण युद्ध 1999 में लड़ा गया था, जिसे कारगिल युद्ध के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध ने दोनों देशों के सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को फिर से परिभाषित किया था। कारगिल युद्ध के दौरान, पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर के कारगिल सेक्टर में भारतीय चौकियों में घुसपैठ करने की कोशिश की थी, जिसका भारतीय सेना ने मजबूती से जवाब दिया।
भारत ने ऑपरेशन विजय की शुरुआत की और पाकिस्तानी घुसपैठियों को न केवल पीछे धकेल दिया, बल्कि भारतीय नियंत्रण वाले क्षेत्र को भी पुनः प्राप्त किया। इस युद्ध के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना और कूटनीतिक अलगाव का सामना करना पड़ा था। वहीं, भारत ने सैन्य और कूटनीतिक दोनों मोर्चों पर विजय प्राप्त की, जिससे वैश्विक मंच पर उसकी स्थिति और मजबूत हो गई।
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