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India Maldives Relaiton: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शुक्रवार को ‘इंडिया आउट’ के एजेंडे को आगे बढ़ाने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें कभी किसी एक देश से कोई समस्या नहीं रही, मगर उनकी धरती पर विदेशी सेना की मौजूदगी से उन्हें गंभीर समस्या है। ये तब हुआ जब चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने भारत से मांग की कि वह देश द्वारा उपहार में दिए गए तीन विमानन प्लेटफार्मों का संचालन करने वाले लगभग 90 सैन्य कर्मियों को वापस बुलाए।

मालदीव के समाचार पोर्टल adhadhu.com द्वारा प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के "डीन्स लीडरशिप सीरीज़" में एक सवाल का जवाब देते हुए मुइज्जू ने कहा, "हम कभी भी किसी एक देश के खिलाफ नहीं रहे हैं। ये भारत के खिलाफ नहीं है। मालदीव को अपनी धरती पर विदेशी सैन्य मौजूदगी के कारण गंभीर समस्या का सामना करना पड़ा है।" उन्होंने कहा, "मालदीव के लोग देश में एक भी विदेशी सैनिक नहीं चाहते हैं।"

पिछले साल नवंबर में चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया था। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने मालदीव के तीन विमानन प्लेटफॉर्म पर तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी।

समय के साथ भारत और मालदीव के बीच तनाव में कमी देखी गई, क्योंकि जून में नई दिल्ली में पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में मुइज्जू को आमंत्रित किया गया था। मुइज्जू ने पड़ोसी देश भारत के साथ संबंधों को बनाए रखने और मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की थी, और इसे द्वीपसमूह राष्ट्र के "सबसे करीबी सहयोगियों और अमूल्य भागीदारों" में से एक बताया था। 

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