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Up Kiran, Digital Desk: दक्षिण कोरिया की राजनीति में एक और बड़ा भूचाल आया है। देश के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल को दूसरी बार जेल भेज दिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने देश में मार्शल लॉ (सैन्य शासन) लागू करने की असफल कोशिश की थी। यह घटनाक्रम दक्षिण कोरिया की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का एक और उदाहरण है।

यह मामला तब का है जब यून सुक योल राष्ट्रपति पद पर थे और उन्होंने देश में आपातकाल और सैन्य शासन लागू करने का प्रयास किया था। हालांकि, उनकी यह कोशिश नाकाम रही और देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा। इस घटना को दक्षिण कोरियाई लोकतंत्र के लिए एक काला अध्याय माना गया था।

यून सुक योल पर पहले भी भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लग चुके हैं, जिसके चलते उन्हें पहली बार भी जेल जाना पड़ा था। यह दूसरी बार है जब उन्हें इसी तरह के गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। यह दिखाता है कि दक्षिण कोरिया में कानून का राज कितना मज़बूत है, जहां बड़े से बड़े नेता को भी उनके कृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाता है।

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